देहरादून। धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो की भावनाओं के साथ प्राचीन श्री शिव मन्दिर धर्मपुर चौक का वार्षिक उत्सव विशाल कलश यात्रा से प्रारम्भ हो गया है। कलश यात्रा का शुभारम्भ टपकेश्वर महादेव मन्दिर के 108 महन्त कृष्ण गिरी महाराज दिगंम्बर भरतगिरी महाराज, सर्व व्यवस्था प्रमुख सीता राम भट्ट, देवेन्द्र अग्रवाल कार्यक्रम संयोजक दिनेश चमोली, मदन हरला, प्रमोद शर्मा, सुनील कौशिक ने घुडसवारो को मन्दिर का ध्वज देकर व झण्डा लहराकर किया।
शोभा यात्रा की अगुआई 21 स्कूटी सवार दुर्गावाहिनी की बहनो ने झांसी की रानी बनकर की व 31 मोटर साईकिल सवार शिव भक्तों ने यातायात के नियमों का पालन कर जयघोष के साथ सबसे आगे धर्मध्वज लेकर चले। गणेश महाराज की झांकी, रामेश्वर का पूजन करते हुए राम-लक्ष्मण, जामवन्त, हनुमान, ऋषि, वानर सेना चलती रही। माता द्वारा महिषासुर का संहार, शहनाई की सुन्दर धुन सभी जगह सुनाई गई। गुजराती परिवेश मे क्षेत्र की महिलाओं ने सुन्दर डांडिया नृत्य किया। राम दरबार की झांकी, हनुमान का राम नाम मे मगन नृत्य करना, श्री कृष्ण-रूकमणी सुदामा का सत्कार करते हुए दिखाई दे रहे थे। भगवान भोलेनाथ शिव शम्भू की बारात में भूत पिशाच, ऋषि मुनि नारद, नंदी, ब्रहमा, विष्णु, राजा महाराजा, ढोल नगाडे बजाते हुए नाच रहे थे। माँ शेरावाली शेर पर सवार थी। राधा-कृष्ण की अलौकिक छवि दिखाई दे रही थी। राधा-कृष्ण मोर नृत्य कर रहे। गोवर्धन शिशु मन्दिर के बच्चे घोष के साथ जयकारा लगा रहे थे, साथ ही 208 कलश धारण कर क्षेत्र की देवियो द्वारा व्यास महाराज की अगुआई करते हुए चल रही थी। व्यास महाराज का रथ व श्री मद्भागवत महापुराण मन्दिर के प्रधान देवेन्द्र अग्रवाल व उप प्रधान आत्माराम शर्मा ने अपने मस्तिष्क पर धारण कर क्षेत्र को पवित्र किया ।
कार्यक्रम संयोजक दिनेश चनोली, मदन हुरला, प्रमोद शर्मा, सुनील कौशिक चावर से हवा कर रहे थे। कलश यात्रा में विभिन्न बैण्ड,न शहनाई, घोडे रथ आदि सम्मिलित थे।कलश यात्रा का जगह-जगह पर फूलों की वर्षा व जल-पान से स्वागत किया गया। शोभा यात्रा का मुख्य आर्कषण नन्दा देवी राजजात यात्रा, उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलकियां, धर्म संस्कृति, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण हेतु ब्राहमणों द्वारा यज्ञ किया जा रहा था कूड़ा निस्तारण हेतु स्वयंसेवक अपनी टीम के साथ चल रहे थे
कलश यात्रा सुबह 11 बजे प्रारम्भ होकर दोपहर डेढ़ बजे मन्दिर में सम्पन्न हुई। यातायात सुचारू रहे, यात्रा व्यवस्थित रहे इसके लिए प्रत्येक झांकी के साथ स्वयंसेवकों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई और प्रत्येक स्टालो मे स्वंम जलपान वितरण करने में सहयोग किया तत्पश्चात व्यास जी का स्वागत हुआ। भागवत पूजन सुखदेव का पूजन कर प्रसाद वितरण किया गया।
मन्दिर समिति से सर्वव्यवस्था प्रमुख सीताराम भट्ट ने बताया कि मन्दिर में श्रीमद्भागवत कथा व्यास प्रखर वक्ता अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध भागवत प्रभाकर स्वामी मारूती नन्दनाचार्य पूज्य वागीश महाराज पीठाधीश्वर आचार्य पीठ वृन्दावन के मुखार्विन्द द्वारा सर्वण करेंगे। वृन्दावन की चार व्यास पीठ है जिसमे से एक गुरूदेव व्यास महाराज की है। श्रीमदभागवत कथा की ज्ञान गंगा दिनांक 13 अगस्त से 19 अगस्त 2025 तक प्रतिदिन सांय 2:00 बजे से 6:00 बजे तक प्रवाहित होगी। 20 अगस्त 2025 को भगवान की छटी का विशाल भण्डारा दिया जायेगा जिसमे आप सभी सादर आमन्त्रित है। कलश यात्रा का स्वागत, हुरला प्रतिष्ठान, अग्रवाल ट्रेडर्स, विक्टर ड्राईक्लीनर्स, चौधरी सप्लायर्स, गौतम, नीरज, फल एवं सब्जी भण्डार, चिलिज रेस्ट्रोरेन्ट, प्रदीप व पंकज शर्मा गणेश डेरी, सुविधा स्टोर, पार्षद विवेक कोठारी, पार्षद अमित भडांरी, शिव भक्त नेहरू कालोनी, पंकज डेरी / प्रिन्स गिफ्ट गैलरी, राहुल डेरी, चंचल स्वीट शाप, एडवोकेट विकास ठाकुर, क्वालिटी सेनेट्री आदि ने भव्य स्वागत व महाराज का तिलक कर किया।

