Wednesday, December 31

उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में चारधाम (Chardham Yatra 2023) गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ स्थित हैं. देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इन धामों के दर्शन करने पहुंचते हैं. इस साल 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी. और अब चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं ने नया इतिहास बना दिया है। पहली बार यात्रा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 लाख पार हो गया है। यात्रा अंतिम चरण में है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

यात्रा के शुरुआत में तीर्थयात्रियों के उत्साह को देखते हुए सरकार को उम्मीद थी कि इस बार चारधाम यात्रा नया इतिहास बनाएगी। पांच अक्तूबर को दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों ने यात्रा का पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ा। अब संख्या 50.12 लाख से अधिक पहुंच गई है। अभी यात्रा के लिए एक माह का समय बाकी है। रोजाना चार धामों में 20 से 22 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए अब तक 71 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 50 लाख से अधिक दर्शन कर चुके हैं। इस बार प्रदेश सरकार ने यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है।

जून-जुलाई माह में केदारनाथ धाम में धारण क्षमता से अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने से सरकार को पंजीकरण पर रोक लगानी पड़ी थी। चारधाम यात्रा में हर साल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं के ठहरने की सीमित व्यवस्था है। सरकार का अनुमान है कि 2030 तक चारधाम यात्रा में एक करोड़ यात्रियों के आने का अनुमान है। केदारनाथ पुनर्निर्माण और बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान में धारण क्षमता बढ़ाने पर फोकस है।

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