त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की मौत के मामले में पुलिस जांच लगातार आगे बढ़ रही है। अब तक की विवेचना में पुलिस को इस पूरे घटनाक्रम में किसी भी तरह के नस्लीय भेदभाव या आपत्तिजनक टिप्पणी के ठोस सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना में शामिल सभी लोग पर्वतीय क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं, जिससे नस्लीय भेदभाव के आरोपों को बल नहीं मिल पा रहा है।

पुलिस के अनुसार, नौ दिसंबर को मणिपुर निवासी सूरज ख्वास ने अपने बेटे के जन्मदिन पर एक पार्टी आयोजित की थी, जिसमें कई लोग शामिल हुए थे। जांच में सामने आया है कि पार्टी के दौरान आपसी मजाक चल रहा था। इसी दौरान एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल चकमा को यह महसूस हुआ कि मजाक उनके ऊपर किया जा रहा है। इसी गलतफहमी ने विवाद का रूप ले लिया, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गया। झगड़े में दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान एंजेल चकमा ने दम तोड़ दिया।

इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने नेपाल पुलिस से संपर्क साधा है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी नेपाल का नागरिक है और उसके वहां फरार होने की आशंका है। साथ ही यह भी सामने आया है कि वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में काम करता रहा है और हाल ही में हरिद्वार में भी कार्यरत था। आरोपी की तलाश में पुलिस टीमें संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं।

इधर, एंजेल चकमा के भाई माइकल ने भावुक बयान देते हुए कहा कि वे भारतीय हैं और अपने देश से प्रेम करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस मामले में बिना पुष्टि के कोई भ्रामक जानकारी न फैलाएं।

वहीं, इस प्रकरण ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल बढ़ा दी है। भाजपा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने एंजेल चकमा की हत्या की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने बताया कि वे लगातार एंजेल के पिता तरुण प्रताप के संपर्क में हैं। जल्द ही दिल्ली में एक प्रार्थना सभा आयोजित कर एंजेल चकमा को श्रद्धांजलि देने की भी तैयारी है। पूर्व सांसद ने सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग भी की है।

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