उत्तराखंड लगातार आपदाओं से जूझ रहा है। 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली से शुरू हुई तबाही का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। राज्य के कई जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और भू-धंसाव से सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं। हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
राज्य सरकार ने आपदा से निपटने और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र से 5702 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की है। इसी बीच सोमवार को एक केंद्रीय टीम उत्तराखंड आकर प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेगी और नुकसान का आकलन करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लगातार संपर्क में हैं और जल्द ही आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ज़मीनी दौरे के अलावा हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं। हालांकि उनके कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन पीएमओ से जल्द ही विस्तृत जानकारी मिलने की संभावना है।
आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड के लोग अब प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इससे राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी आएगी।

