उत्तराखंड में मानसून एक बार फिर कहर बरपा रहा है। मौसम विभाग ने प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। नदियां और गाड़-गदेरे उफान पर हैं, जिससे हालात गंभीर होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा असर रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में देखने को मिल रहा है, जहां लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार छेना गाड़, नागजगई और ल्वारा के इलाकों में भारी नुकसान की खबरें सामने आई हैं। इन क्षेत्रों में कई पुल बह गए हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। पुलों के बहने से दर्जनों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। ग्रामीणों को नदियों के उफान और टूटे हुए संपर्क मार्गों के कारण खाने-पीने की वस्तुओं और जरूरी सामान की दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें सक्रिय हो गई हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से राहतकर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह सड़कें बंद हो चुकी हैं और मलबा आने से यातायात ठप हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार की बारिश ने वर्षों पुरानी तबाही की याद दिला दी है। गांवों में रहने वाले लोग डर और दहशत के माहौल में हैं। जिला प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने, नदियों-नालों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 48 घंटे प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है और आपदा नियंत्रण कक्षों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

