Wednesday, December 31

उत्तरकाशी जिले के स्याना चट्टी क्षेत्र में यमुना नदी पर झील बनने से यमुनोत्री हाईवे पर बना मोटर पुल पूरी तरह जलमग्न हो गया है। पुल और आसपास की सड़क करीब पांच फीट तक पानी में डूबने के कारण गीठ पट्टी के 12 गांवों की लगभग आठ हजार की आबादी बाहरी दुनिया से कट गई है। यमुनोत्री धाम का भी जिला मुख्यालय और तहसील से संपर्क टूट गया है।

इस आपदा के चलते प्रभावित गांवों के लोगों को खाद्य सामग्री, दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन मदद का अभाव स्थिति को और गंभीर बना रहा है।

सूत्रों के अनुसार, झील बनने से न सिर्फ स्थानीय ग्रामीण, बल्कि यमुनोत्री आने वाले तीर्थयात्री भी परेशानी में हैं। कल शाम से ही राहत और बचाव कार्य के लिए भेजी गई टीमें प्रभावित इलाके तक नहीं पहुंच पाईं, क्योंकि पुल और सड़क जलमग्न होने से उनका रास्ता अवरुद्ध हो गया।

फिलहाल सिंचाई विभाग, एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग), लोनिवि (लोक निर्माण विभाग), एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं और झील को सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस घटना का असर स्थानीय व्यवसायों पर भी गहराया है। स्याना चट्टी में बने तीन सरकारी भवन, 32 होटल, आवासीय मकान और ढाबे डूबने या प्रभावित होने से नुकसान झेल रहे हैं। यहां पर्यटन और होटल व्यवसाय से जुड़े करीब 60 परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है।

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