नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मंगलवार को बड़ा बवाल हो गया। मतदान शुरू होने के कुछ ही समय बाद पांच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण की घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने हंगामा किया और मामला सीधे हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
कड़ी सुरक्षा में हुई वोटों की गिनती
डीएम वंदना सिंह ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत 22 जिला पंचायत सदस्यों के वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा और वीडियोग्राफी के बीच पूरी की गई। नतीजों को सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखा गया है, जिन्हें 18 अगस्त को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। नियमों के अनुसार री-पोलिंग केवल बूथ कैप्चरिंग, तकनीकी खराबी या बैलेट बॉक्स क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में ही हो सकती है।
अपहरण के बाद मचा बवाल
सुबह करीब 10 बजे मतदान शुरू हुआ। इसी दौरान कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृयदेश और पूर्व विधायक संजीव आर्य के साथ कुछ जिला पंचायत सदस्य मतदान स्थल की ओर जा रहे थे। तभी करीब 10 से 12 अज्ञात लोग बरसाती पहनकर पहुंचे और कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों से मारपीट कर उन्हें खींचते हुए एक वाहन में डालकर ले गए।
घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और चुनाव का बहिष्कार कर दिया। लगभग 12 वोट पड़ने के बाद मतदान रोक दिया गया। करीब 11:30 बजे कांग्रेस नेता न्याय की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट के आदेश पर दोपहर बाद कड़ी पुलिस सुरक्षा में शेष 10 सदस्यों से मतदान कराया गया। हालांकि, अपहृत पांच सदस्यों का देर रात तक कोई सुराग नहीं मिला।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो
घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। एक वीडियो में कुछ लोग जिला पंचायत सदस्यों को घसीटते दिख रहे हैं, जबकि पुलिसकर्मी हाथ पर हाथ धरे खड़े नजर आए। वहीं, एक सीसीटीवी फुटेज में लाल कार में बरसाती पहने कुछ लोग तलवार लहराते दिखे।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
पंचायत चुनाव के दौरान भारी पुलिस बल तैनात था, इसके बावजूद अपहरण की घटना हो गई। कांग्रेस नेताओं और स्थानीय लोगों ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
एसपी डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 140(3), 174, 221 और 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पांचों अपहृत सदस्यों की तलाश के लिए कई टीमों को लगाया गया है। इस मामले में तल्लीताल थाने और क्राइम ब्रांच स्तर पर दो अलग-अलग जांचें भी शुरू की गई हैं।
पुलिस छावनी बना नैनीताल
घटना के बाद पूरे नैनीताल में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई। जिला पंचायत कार्यालय के पांच सौ मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर बैरिकेडिंग की गई। वाहनों को अलग-अलग मार्गों पर डायवर्ट किया गया और जू रोड से लेकर मल्लीताल तक पुलिस का पहरा कड़ा कर दिया गया।


