Wednesday, December 31

उत्तराखंड के चमोली जनपद के प्रमुख गांवों में शुमार सारकोट, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदर्श गांव के रूप में गोद लिया है, अब एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। इस गांव की कमान अब युवा और ऊर्जावान नेता प्रियंका नेगी के हाथों में होगी, जो महज 21 वर्ष और 3 माह की उम्र में ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचित हुई हैं।

प्रियंका नेगी ने अपने प्रतिद्वंद्वी प्रियंका देवी को कड़े मुकाबले में हराकर 421 मतों से जीत दर्ज की, जबकि प्रतिद्वंद्वी को 235 मत प्राप्त हुए। यह केवल एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की ओर इशारा है, जिसमें युवा, खासकर युवतियाँ, नेतृत्व की भूमिका में आगे आ रही हैं।

राजनीति शास्त्र में स्नातक और गैरसैंण महाविद्यालय की छात्रा रहीं प्रियंका राजनीति में नई सोच और ऊर्जा लाने की तैयारी में हैं। गौरतलब है कि उनका राजनीतिक अनुभव पारिवारिक विरासत से भी जुड़ा है – उनके पिता राजे सिंह नेगी वर्ष 2014 से 2019 तक ग्राम प्रधान रहे हैं और अब बेटी के साथ गाँव के विकास कार्यों में कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं।

सारकोट गांव, जहां पलायन की समस्या लगभग नगण्य है, मुख्यमंत्री धामी के विशेष प्रयासों से लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। गांव के हर घर में एक जैसा रंग, मशरूम उत्पादन को बढ़ावा, स्वास्थ्य और कृषि से जुड़े शिविर, तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम अब प्रियंका की प्राथमिकताओं में शामिल होंगे।

ग्राम प्रधान बनने के बाद प्रियंका ने अपने पहले बयान में कहा, “मुख्यमंत्री जी द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों को और गति देना ही मेरा लक्ष्य है। साथ ही, मैं महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए उन्हें शिक्षित और प्रेरित करूंगी।”

प्रियंका की यह जीत न केवल सारकोट की, बल्कि पूरे प्रदेश की बेटियों के लिए प्रेरणा बन सकती है।

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