देहरादून में धर्मांतरण का एक गहरा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला नेटवर्क बेनकाब हुआ है। इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड छांगुर पहले ही रानीपोखरी केस में सामने आ चुका है। अब प्रेमनगर थाना क्षेत्र में भी एक नया मामला उजागर हुआ है, जिसमें एक और युवती को इस्लाम कबूल करवाने की साजिश की गई थी।
बरेली निवासी युवती, जिसे गिरोह ने ‘मरियम’ नाम दिया, को पाकिस्तान के मौलवियों से इस्लाम की शिक्षा दिलवाई जा रही थी। योजना थी कि उसे दुबई भेजकर एक मुस्लिम युवक से निकाह करवाया जाए। इस पूरी साजिश में दुबई के रास्ते पाकिस्तान में पैसे भेजने की पुष्टि भी हुई है।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, यह नेटवर्क केवल स्थानीय स्तर पर सीमित नहीं था। युवती की ऑनलाइन मीटिंग्स कश्मीर के युवाओं के साथ Zoom ऐप के जरिए करवाई गईं, और बाद में उसे पाकिस्तानी मौलवियों से जोड़ दिया गया।
इसी जांच के दौरान प्रेमनगर में रह रही एक अन्य शिक्षित युवती ‘सुमैया’ का नाम सामने आया, जिसे गिरोह ने अपने प्रभाव में लेकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया। गणित और फाइन आर्ट्स में डिग्रीधारी इस युवती की मुलाकात पहले एक मुस्लिम युवती से हुई थी, जिसने उसे फोन पर ही कलमा पढ़वाया।
ऑनलाइन लूडो से शुरू हुई बातचीत, पाकिस्तान तक पहुंची साजिश
सुमैया को ‘लूडो स्टार’ नाम के पाकिस्तानी ऐप के जरिए वहां के लोगों से जोड़ा गया। धीरे-धीरे उसका झुकाव इस्लाम की ओर हुआ और उसे मौलवी तनवीर अहमद द्वारा मुफ्त इस्लामी शिक्षा दी जाने लगी। लेकिन सुमैया शिक्षा के बदले पैसा देना चाहती थी, जिसके लिए देहरादून के सुलेमान नामक युवक ने उसका संपर्क दुबई से कराया और वहां से रकम पाकिस्तान भिजवाई गई।
छह आरोपी नामजद, यूपी एटीएस की गिरफ्त में
इस पूरे प्रकरण में अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह (दिल्ली), उसके दो बेटे, अब्दुर रहमान उर्फ रुपेंद्र प्रताप सिंह (देहरादून), आयशा उर्फ कृष्णा (गोवा) और सुलेमान (देहरादून) को नामजद किया गया है। सभी आरोपी यूपी एटीएस की गिरफ्त में हैं और उन्हें बी वारंट के जरिए देहरादून लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
देहरादून पुलिस ने शुरू की काउंसलिंग
पुलिस ने युवतियों की काउंसलिंग कर उन्हें गिरोह के प्रभाव से बाहर निकालने का प्रयास किया है। साथ ही, गिरोह के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जांच तेज़ कर दी गई है।


