उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मंगलवार शाम एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे जिले को झकझोर दिया। यात्रियों से भरी एक मैक्स गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी और बरसाती नाले में समा गई। इस दर्दनाक दुर्घटना में आठ यात्रियों की मौत हो गई, जबकि छह गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में दो सगी बहनों समेत तीन छात्राएं शामिल हैं, और सभी मृतक व घायल बोकटा गांव के निवासी हैं, जिससे पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण स्टेयरिंग लॉक होना बताया जा रहा है। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने तत्काल एक आपातकालीन कोर कमेटी की बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन और अन्य संबंधित अधिकारियों को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
यह दुर्घटना मंगलवार शाम लगभग पांच बजे हुई, जब मैक्स मुवानी कस्बे से यात्रियों को लेकर बोकटा गांव की ओर जा रही थी। भंडारीगांव पुल से करीब एक किलोमीटर आगे अचानक मैक्स सड़क से लगभग 150 फुट नीचे गिर गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि वाहन के परखचे उड़ गए और शव बाहर छिटक गए। मौके पर ही छह लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
दुर्घटना की जानकारी पास से गुजर रहे लोगों के माध्यम से बोकटा के ग्रामीणों तक पहुंची, जिसके बाद वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और खाई में उतरकर बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस और एंबुलेंस को भी सूचना दी गई। ग्रामीणों और बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद आठ घायलों को खाई से निकालकर सड़क तक पहुंचाया।
सभी घायलों को मुवानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुखद रूप से आठ वर्षीय सिमरन और 40 वर्षीय चालक नरेंद्र सिंह ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद, गंभीर रूप से घायल सभी छह यात्रियों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। मृतकों में पिथौरागढ़ के चंडाक की दीक्षा बोरा भी शामिल हैं, जो हरेला पर्व पर अपने मायके आई थीं। अन्य सभी मृतक बोकटा गांव के ही थे।
हादसे की खबर मिलते ही, जिला मुख्यालय से एडीएम डॉ. योगेंद्र सिंह ने मुवानी पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया। थल के तहसीलदार राम प्रसाद और थल थानाध्यक्ष शंकर रावत भी अपनी टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने स्वयं जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल पूछा और स्वास्थ्य कर्मियों को उचित उपचार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीएमओ डॉ. एसएस नबियाल ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों के उपचार की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में सड़क सुरक्षा के उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


