मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उत्तराखंड के बहुपरियोजनात्मक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। उन्होंने वर्ष 2026 में प्रस्तावित नंदा राजजात यात्रा के लिए ₹400 करोड़ और 2027 के हरिद्वार अर्द्धकुंभ आयोजन हेतु ₹3500 करोड़ की केंद्रीय सहायता मांगी।
धामी ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों की विद्युत व्यवस्था को भूमिगत और स्वचालित करने हेतु ₹1015 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत मंजूरी देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को ‘विकसित भारत 2047’ विजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध बताया।
सीएम ने केदारनाथ-बदरीनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर हरिद्वार व ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चंपावत शारदा कॉरिडोर के लिए सीएसआर फंडिंग का सुझाव दिया। साथ ही, दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने की भी मांग की गई।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में तकनीकी प्रगति के तहत ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमीकंडक्टर हब में बदलने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेलवे परियोजनाओं में मार्ग निर्माण की योजना शामिल करने की बात भी रखी।
उन्होंने हिमनद आधारित पिंडर नदी को वर्षा आधारित कोसी, गगास और गोमती नदियों से जोड़ने वाली पिंडर-कोसी लिंक परियोजना को केंद्र सरकार की विशेष योजना में शामिल करने का आग्रह किया, जिससे लगभग 2 लाख की आबादी को पेयजल और सिंचाई का लाभ मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री को भेंट किए उत्तराखंड के पारंपरिक उपहार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड की सांस्कृतिक और पारंपरिक समृद्धि का प्रतीक उपहार भी भेंट किए, जिनमें कार्तिक स्वामी मंदिर का प्रतिरूप, आदि कैलाश यात्रा की कॉफी टेबल बुक, धारचूला का घी, पुरोला का लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद शामिल थे।


