Wednesday, December 31

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा मार्गों पर खतरा बढ़ गया है। श्री केदारनाथ धाम से लौटते समय सोनप्रयाग के पास भूस्खलन के कारण करीब 40 श्रद्धालु फंस गए, जिन्हें एसडीआरएफ (SDRF) ने रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया। यह हादसा मंगलवार रात करीब 10 बजे हुआ, जब अचानक पहाड़ी से मलबा गिरा और रास्ता पूरी तरह बंद हो गया।

इसी बीच, यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की घटना के चार दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं।
सिलाई बैंड से आगे अभी भी वाहनों की आवाजाही ठप है, हालांकि पैदल रास्ता चालू है लेकिन उसमें भी खतरा बरकरार है।

बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे 254 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
वहीं, बादल फटने की घटना में लापता सात लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ स्निफर डॉग्स की मदद ले रही है।

सड़क बह गई, मलबा जमा — रास्ता खोलना बड़ी चुनौती

ओजरी क्षेत्र में नाले के तेज बहाव से यमुनोत्री हाईवे का करीब 20–25 मीटर हिस्सा बह गया, वहीं सिलाई बैंड में भारी मलबा और कीचड़ जमा होने के कारण वाहनों की आवाजाही संभव नहीं हो पाई है।

एनएच विभाग मरम्मत कार्य में जुटा है, लेकिन हार्ड रॉक के कारण परेशानी आ रही है।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियां यात्रियों की सुरक्षामार्ग सुचारू करने के प्रयास में लगी हुई हैं।
254 यात्रियों को पैदल रास्ते से निकालकर वाहनों से बड़कोट भेजा गया और खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर भोजन की व्यवस्था भी की गई।

प्रशासन का दावा: जल्द खुलेगा मार्ग

डीएम प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द यमुनोत्री हाईवे पर यातायात बहाल किया जाए। इसके साथ ही कुपड़ा मोटर मार्ग को भी छोटे वाहनों के लिए जल्द खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Share.

Leave A Reply

Exit mobile version