Wednesday, December 31

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध चंडी मंदिर की व्यवस्था को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने अगली सुनवाई तक मंदिर का प्रबंधन बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने का निर्देश दिया है। यह आदेश मंदिर से जुड़ी अव्यवस्थाओं और तत्कालीन महंत रोहित गिरि के विवादित आचरण को देखते हुए दिया गया है।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में हुई, जिसमें हरिद्वार के डीएम और एसएसपी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद रहे।

महंत पर गंभीर आरोप, कोर्ट ने जताई नाराजगी

अदालत ने महंत रोहित गिरि के निजी जीवन और महिला संबंधों को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की। जस्टिस थपलियाल ने कहा, “यह कैसी संत परंपरा है, जहां एक महंत शादीशुदा होते हुए भी दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रहता है और तीसरी महिला से छेड़खानी के आरोप में जेल में बंद है?” कोर्ट ने मंदिर की पवित्रता को भंग करने वाली ऐसी गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित लोगों के मंदिर परिसर में प्रवेश पर रोक लगाने की बात कही।

रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत और सुरक्षा

मामले में आरोपी बनाई गई रीना बिष्ट को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत प्रदान की है और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। रीना पर आरोप है कि उसने मंदिर से जुड़ी संपत्तियों को लेकर साजिश रची और शिकायतकर्ता गीतांजलि से जबरन ट्रस्टी पद से इस्तीफा दिलवाने और तलाक का दबाव बनाया।

डायरी से खुले महंत के निजी संबंधों के राज

विवाद की जड़ में रोहित गिरि की पत्नी गीतांजलि द्वारा बरामद की गई एक डायरी है, जिसमें महंत द्वारा रीना के नाम लाखों रुपये की एफडी बनाने की बात लिखी गई थी। पूछताछ में रोहित ने स्वीकार किया कि रीना ने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो बना लिया था और पैसे की मांग कर रही थी। दोनों के अवैध संबंध से एक बच्ची का जन्म भी हुआ।

छेड़खानी के आरोप में जेल में बंद है महंत

14 मई 2025 को पंजाब पुलिस ने रोहित गिरि को एक अन्य महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मंदिर प्रबंधन और वहां की आस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।

मंदिर की गरिमा पर खतरा

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भक्तों की आस्था से जुड़ा स्थल इस प्रकार के विवादों का केंद्र नहीं बन सकता। मंदिर की गरिमा और पवित्रता को बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अदालत ने बीकेटीसी को अंतरिम रूप से प्रबंधन सौंपते हुए संबंधित दस्तावेज़ एवं जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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