यमुनोत्री धाम की ओर जाने वाले पैदल मार्ग पर भारी भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य आज तीसरे दिन भी जारी है। सुबह से ही एसडीआरएफ की टीमें स्निफर डॉग की मदद से लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। भूस्खलन की सबसे ज्यादा मार नौकैंची क्षेत्र में देखने को मिली, जहां मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर जमा हो गए हैं, जिससे पैदल मार्ग पर बनी रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन यमुनोत्री यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया है। यात्रियों को जानकीचट्टी, खरसाली, और भंडेलीगाड जैसे विभिन्न पड़ावों पर सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। वैकल्पिक मार्गों की स्थिति भी खराब है—भंडेलीगाड से धाम की ओर जाने वाले मार्ग पर कीचड़ फैला हुआ है, जिससे यात्रा कठिन हो गई है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने मौके पर पहुंचकर यमुनोत्री के दोनों मार्गों का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को फौरन राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला पंचायत और लोक निर्माण विभाग को साफ-सफाई, मलबा हटाने, रेलिंग की मरम्मत और बिजली-पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।
प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जब तक सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठीक नहीं हो जातीं, तब तक यात्रियों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। बुधवार को स्थिति की समीक्षा के बाद ही जानकीचट्टी से यमुनोत्री की ओर यात्रा बहाल की जाएगी।


