आजकल जहां लोग शादी-ब्याह पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर देते हैं, वहीं चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने सादगी से शादी कर समाज को एक नई राह दिखाई है। उन्होंने पेशे से चिकित्सक डॉ. पूजा के साथ बिना किसी तामझाम के विवाह किया। इस शादी में न तो कोई बैंड-बाजा था, न ही कोई बड़ी भीड़। केवल दोनों परिवारों के करीब 30 सदस्य और कुछ कार्यालय के कर्मचारी ही शादी में शामिल हुए।

ड्यूटी को प्राथमिकता

डॉ. तिवारी ने शादी के लिए सिर्फ तीन दिन की छुट्टी ली और अपने सरकारी आवास से ही कामकाज संभालते रहे। उन्होंने मुख्यालय इसलिए नहीं छोड़ा क्योंकि चारधाम यात्रा चल रही है और कभी भी उनकी जरूरत पड़ सकती थी।

सरकारी आवास में सादगी से विवाह

डॉ. तिवारी और डॉ. पूजा ने बुधवार को चमोली मैरिज कोर्ट में शादी की कानूनी प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद सरकारी आवास पर वैवाहिक रस्में संपन्न हुईं। फिर गोपीनाथ मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया।

शादी का असली मतलब

मंदिर में पूजा के दौरान डॉ. तिवारी ने कहा कि उनके लिए शादी केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो विचारों और दो परिवारों का मिलन है। दिखावे के बजाय श्रद्धा और समझदारी अधिक जरूरी है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और सेवा भाव

डॉ. तिवारी मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। प्रशासनिक सेवा में आने से पहले वे ईएनटी के डॉक्टर थे। वे 2017 बैच के आईएएस हैं और 7 सितंबर 2024 को चमोली के जिलाधिकारी बने। अपने काम के प्रति ईमानदार और जनता के प्रति संवेदनशील रवैये के कारण वे खासे लोकप्रिय हैं। वे अक्सर दूर-दराज से आने वाले फरियादियों को खाना खिलाते हैं, किराया भी देते हैं और उनका मोबाइल नंबर भी साझा करते हैं ताकि लोग सीधे संपर्क कर सकें। उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाइयों से कई अधिकारी भी अब उनकी कार्यशैली अपनाने लगे हैं।

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