उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित भवाली क्षेत्र में भूमियाधार मार्ग पर बनी एक मस्जिद को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दावा किया गया कि यहाँ जंगल के बीच अवैध रूप से मस्जिद बनाई गई है। इधर आरोप हैं कि मस्जिद प्रबंधन ने दो नाली से अधिक स्वीकृत भूमि के स्थान पर लगभग 45 नाली क्षेत्र में परिसर का विस्तार कर लिया है। जानकारी सामने आते ही जिला प्रशासन ने राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम भेजकर जांच प्रारंभ कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट में लगभग 43 नाली सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा होने की पुष्टि सामने आयी है।
वायरल वीडियो से शुरू हुआ मामला, कई पुरानी शिकायतें भी उठीं
वायरल वीडियो में आरोप था कि मस्जिद जंगल की भूमि में स्थापित की गयी और समय के साथ आसपास की भूमि पर चारदीवारी कर कब्जा बढ़ाया गया। इससे पहले भी वीरभट्टी व नैनीताल की मुख्य मस्जिद की जमीन को लेकर ऐसे ही प्रश्न उठ चुके हैं। जिला प्रशासन सभी मामलों की क्रमबद्ध तरीके से जांच कर रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग ने वर्ष 1924 में इस मस्जिद के लिये 5016 वर्गफुट अर्थात लगभग दो नाली पाँच मुट्ठी भूमि लीज पर दी थी। लेकिन वर्तमान में परिसर का क्षेत्रफल लगभग 45 नाली पाया गया है, जो तय लीज क्षेत्र से लगभग 43 नाली अधिक है। राजस्व व वन विभाग की टीम ने स्थल पर चारदीवारी और विस्तृत निर्माण देखे, जिनमें वर्षों में हुए विस्तार का अनुमान लगाया जा रहा है।
अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने बताया कि जांच का दायरा बढ़ाते हुए यह पता लगाया जा रहा है कि परिसर का विस्तार कब-कब हुआ और किन परिस्थितियों में हुआ। टीम पुराने दस्तावेज, नक्से, सीमांकन व संबंधित अभिलेखों का परीक्षण कर रही है, जिससे वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके। उधर उप प्रभागीय वनधिकारी ममता चंद ने बताया कि अभी जांच चल रही है। उधर भवाली के पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष संजय वर्मा ने बताया कि मस्जिद काफी पुरानी है। हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते सरकार की ओर से मस्जिद की चारदीवारी की गई थी।


