Wednesday, December 31

झारखंड के देवधर में रोपवे के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ट्रॉली में फंसे पर्यटकों की जान बचाने वाले कैप्टन देवेश जोशी को शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया है।

मूलरूप से जिला पिथौरागढ़ के गणाई गंगोली निवासी कैप्टन देवेश ने झारखंड के देवधर में रोपवे में फंसे 21 पर्यटकों की जान बचाई थी। वह टीम का नेतृत्व करते ट्रॉलियों तक पहुंचे थे। इसे ऑपरेशन त्रिकूट नाम दिया गया था। 
अदम्य साहस, परिश्रम, दृढ़ संकल्प के लिए राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया है। उनके पिता गिरीश जोशी शिक्षक हैं।। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैप्टन देवेश को उनके अदम्य साहस के लिए मिले शौर्य पुरस्कार पर फोन पर बधाई दी है। 
देवघर से 22 किमी दूर त्रिकूट पहाड़ पर 11 अप्रैल को हादसा हुआ था। रामनवमी के अवसर पर वहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे। वे रोपवे पर सवार थे। तार टूटने से एक ट्रॉली के गिरने से दो महिलाओं की जान चली गई थी। इस हादसे में 12 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। अलग-अलग ट्रॉलियों में 50 से अधिक लोग फंस गए थे। 

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