Dainik UjalaDainik Ujala
    What's Hot

    इजरायल का बड़ा हमला, ईरान की मिलिट्री और न्यूक्लियर साइट्स तबाह

    June 13, 2025

    बड़ी खबर: टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद एयर इंडिया का विमान गिरा…232 यात्री और 10 क्रू मेंबर थे सवार

    June 12, 2025

    कैची धाम मेला 2025: जानें पार्किंग जोन, रूट डायवर्जन और ट्रैफिक गाइडलाइन

    June 12, 2025
    Facebook Twitter Instagram
    Friday, June 13
    Facebook Twitter Instagram
    Dainik Ujala Dainik Ujala
    • अंतर्राष्ट्रीय
    • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • बागेश्वर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • देहरादून
      • हरिद्वार
      • नैनीताल
      • रुद्रप्रयाग
      • पौड़ी गढ़वाल
      • पिथौरागढ़
      • टिहरी गढ़वाल
      • उधम सिंह नगर
      • उत्तरकाशी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • अन्य खबरें
    • संपर्क करें
    Dainik UjalaDainik Ujala
    Home»Uncategorized»दिल्ली NCR की अनफिट गाड़ियां पहाड़ों पर फिट… कबाड़ वाहनों का प्रदेश बना उत्तराखंड
    Uncategorized

    दिल्ली NCR की अनफिट गाड़ियां पहाड़ों पर फिट… कबाड़ वाहनों का प्रदेश बना उत्तराखंड

    adminBy adminDecember 26, 2023No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest WhatsApp LinkedIn Tumblr Email Telegram
    दिल्ली NCR की अनफिट गाड़ियां पहाड़ों पर फिट… कबाड़ वाहनों का प्रदेश बना उत्तराखंड
    Share
    Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Pinterest

    2021-22 में दिल्ली की सड़कों पर मोटर वाहनों की कुल संख्या 79.18 लाख थी, दिल्ली सरकार द्वारा 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के बाद से इनकी संख्या में 35.38 प्रतिशत की कमी आई है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में राजधानी में क्रमशः 10 और 15 वर्ष से पुराने डीजल और पेट्रोल चालित वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में वाहनों की वार्षिक वृद्धि 2005-06 में 8.13 प्रतिशत थी, जो 2020-21 में गिरकर 3.03 प्रतिशत हो गई। हालांकि, इसी अवधि में प्रति हजार आबादी पर वाहनों की संख्या 317 से बढ़कर 655 हो गई। राजधानी में कुल मोटर चालित वाहन 122.53 लाख हैं। कार और जीप की संख्या कुल पंजीकृत मोटर चालित वाहनों का लगभग 28 प्रतिशत है, जबकि दोपहिया वाहन कुल पंजीकृत वाहनों के लगभग 67 प्रतिशत हैं।

    उत्तराखंड इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के रिजेक्टेड वाहनों का प्रदेश बनता जा रहा है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, आगरा, सोनीपत, मेरठ आदि शहरों में वाहनों की अधिकतम आयु-सीमा दस वर्ष होने के कारण ट्रांसपोर्टर सस्ते दाम में पुराने वाहन खरीदकर यहां पंजीकृत करा रहे हैं। मामला एकदम साफ है कि जो गाड़ी प्रदूषण के मानक पर एनसीआर के लिए अनफिट है, वह उत्तराखंड के सभी शहरों में आरटीओ में नया पंजीकरण कराकर फिटनेस का प्रमाण-पत्र लेकर यहां बेधड़क दौड़ रही हैं।

    अकेले देहरादून के आरटीओ कार्यालय में ही रोजाना एनसीआर से लाई गई 15 से 20 गाड़ियां पंजीकृत हो रहीं। दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण को लेकर मानक सख्त होने के कारण वहां दस वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का संचालन प्रतिबंधित है। यह प्रतिबंध डीजल चालित सभी वाहनों के लिए है, जबकि पेट्रोल वाहनों के लिए केवल उसी शर्त में प्रतिबंध है, जब वह वाहन दिल्ली व एनसीआर में पंजीकृत हो। ऐसे में महंगी कीमत वाली गाड़ियां भी दस वर्ष की जद में आकर दिल्ली व एनसीआर में संचालित नहीं हो पा रही।

    ऐसे में उत्तराखंड के लोग और पुराने वाहनों का कारोबार करने वाले ट्रांसपोर्टर दिल्ली और एनसीआर में आयु-सीमा पूरी कर चुके वाहनों को यहां लाकर दोबारा पंजीयन करा रहे। उत्तराखंड में व्यावसायिक वाहनों के लिए अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष है, जबकि निजी वाहनों के लिए 25 वर्ष। आडी, बीएमडब्ल्यू, एसयूवी की भरमार दिल्ली व एनसीआर में आयु-सीमा पूरी होने के कारण उत्तराखंड में दोबारा पंजीकृत कराई जा रही गाड़ियों में सर्वाधिक संख्या आडी, बीएमडब्ल्यू, फार्च्यूनर, एसयूवी आदि गाड़ियों की हैं। वहां से सस्ती कीमत पर गाड़ियों को खरीदकर यहां पंजीयन शुल्क चुकाकर पंजीकृत कराया जा रहा।

    पांच-छह साल पहले बाहरी राज्यों से गाड़ी लाकर उत्तराखंड में उन्हें दोबारा पंजीकृत कराने के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने यहां पंजीयन शुल्क में वृद्धि कर दी थी। अब दस लाख से ऊपर कीमत की गाड़ी पर वाहन के एक्स-शोरूम मूल्य का 10 प्रतिशत पंजीयन शुल्क लगता है, जबकि पांच लाख से दस लाख कीमत तक की गाड़ी से आठ प्रतिशत पंजीयन शुल्क लिया जाता है। इसके बावजूद एनसीआर से पुरानी गाड़ी लाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई।

    Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram
    admin
    • Website

    Related Posts

    इजरायल का बड़ा हमला, ईरान की मिलिट्री और न्यूक्लियर साइट्स तबाह

    June 13, 2025

    कैची धाम मेला 2025: जानें पार्किंग जोन, रूट डायवर्जन और ट्रैफिक गाइडलाइन

    June 12, 2025

    उत्तराखंड के मुख्य सचिव की केंद्र से अपील: दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश रैपिड रेल जल्द शुरू हो

    June 11, 2025

    उत्तराखंड: स्कूलों में स्थानीय भाषा में होगी हफ्ते में एक बार भाषण और निबंध प्रतियोगिता

    June 10, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 Dainik Ujala.
    • Home
    • Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version