Dainik UjalaDainik Ujala
    What's Hot

    इजरायल का बड़ा हमला, ईरान की मिलिट्री और न्यूक्लियर साइट्स तबाह

    June 13, 2025

    बड़ी खबर: टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद एयर इंडिया का विमान गिरा…232 यात्री और 10 क्रू मेंबर थे सवार

    June 12, 2025

    कैची धाम मेला 2025: जानें पार्किंग जोन, रूट डायवर्जन और ट्रैफिक गाइडलाइन

    June 12, 2025
    Facebook Twitter Instagram
    Friday, June 13
    Facebook Twitter Instagram
    Dainik Ujala Dainik Ujala
    • अंतर्राष्ट्रीय
    • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • बागेश्वर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • देहरादून
      • हरिद्वार
      • नैनीताल
      • रुद्रप्रयाग
      • पौड़ी गढ़वाल
      • पिथौरागढ़
      • टिहरी गढ़वाल
      • उधम सिंह नगर
      • उत्तरकाशी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • अन्य खबरें
    • संपर्क करें
    Dainik UjalaDainik Ujala
    Home»Uncategorized»देहरादून में मूल निवास 1950 और भू कानून को लेकर उमड़ा जनसैलाब… जानिये आखिर क्या हैं मांगें
    Uncategorized

    देहरादून में मूल निवास 1950 और भू कानून को लेकर उमड़ा जनसैलाब… जानिये आखिर क्या हैं मांगें

    adminBy adminDecember 25, 2023No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest WhatsApp LinkedIn Tumblr Email Telegram
    देहरादून में मूल निवास 1950 और भू कानून को लेकर  उमड़ा जनसैलाब… जानिये आखिर क्या हैं मांगें
    Share
    Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Pinterest

    उत्तराखंड में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने जैसे मुद्दों पर रविवार को देहरादून में उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई। इस दौरान युवाओं समेत तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन परेड ग्राउंड में जुटे। रैली परेड ग्राउंड से निकलकर कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर सभा में तबदील होने के बाद समाप्त हुई। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था।

    मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि हम सरकार की इस पहल और सक्रियता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जन आंदोलन है, जिसका नेतृत्व उत्तराखंड की आम जनता कर रही है। इसलिए इस आंदोलन से संबंधित कोई भी फैसला आम जनता के बीच से ही निकलेगा।

     

    संघर्ष समिति की प्रमुख मांगें-

    प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।

    शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।

    ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।

    गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।

    पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।

    राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।

    प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।

    ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।

    वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भू कानून को लेकर स्पष्ट किया कि हमारी सरकार राज्य निर्माण की मूल अवधारणा के संरक्षण को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कठोरतम नकल निरोधक और धर्मांतरण कानून के बाद मूल निवासियों के हित में सख्त भू कानून भी भाजपा सरकार ही लेकर आएगी।

    Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram
    admin
    • Website

    Related Posts

    इजरायल का बड़ा हमला, ईरान की मिलिट्री और न्यूक्लियर साइट्स तबाह

    June 13, 2025

    कैची धाम मेला 2025: जानें पार्किंग जोन, रूट डायवर्जन और ट्रैफिक गाइडलाइन

    June 12, 2025

    उत्तराखंड के मुख्य सचिव की केंद्र से अपील: दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश रैपिड रेल जल्द शुरू हो

    June 11, 2025

    उत्तराखंड: स्कूलों में स्थानीय भाषा में होगी हफ्ते में एक बार भाषण और निबंध प्रतियोगिता

    June 10, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 Dainik Ujala.
    • Home
    • Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version