उत्तराखंड में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान से पहले करीब 90 हजार मतदाताओं को बड़ा फैसला लेना होगा। ये सभी मतदाता वर्तमान में दो जगह पंजीकृत हैं—एक बतौर सर्विस वोटर और दूसरा अपने गांव या शहर की मतदाता सूची में।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, प्रदेश में 1 जनवरी 2025 की मतदाता सूची के आधार पर 89,812 सर्विस मतदाता दर्ज हैं। इनमें अधिकांश सेना और अर्धसैनिक बलों में तैनात हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति का वोट दो जगह नहीं हो सकता, इसलिए एसआईआर शुरू होने से पहले एक विकल्प चुनना अनिवार्य है।

अगर कोई मतदाता सर्विस वोटर बने रहना चाहता है, तो उसे गांव या शहर की वोटर लिस्ट से नाम हटवाना होगा। इसके लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट voters.eci.gov.in पर फॉर्म-7 भरना होगा। वहीं, जो मतदाता अपने स्थानीय क्षेत्र से वोट रखना चाहते हैं, उन्हें svp.eci.gov.in पोर्टल के माध्यम से सर्विस वोट हटवाना होगा।

निर्वाचन आयोग ने यह भी साफ किया है कि यह प्रक्रिया केवल लोकसभा और विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची से जुड़ी है। पंचायत या नगर निकाय चुनावों की वोटर लिस्ट अलग होती है, इसलिए गांव का वोट हटने से स्थानीय चुनावों में मतदान का अधिकार प्रभावित नहीं होगा।

आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर किसी का नाम दो जगह पाया गया, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अधिकारियों ने सभी संबंधित मतदाताओं से समय रहते एक ही जगह वोट सुनिश्चित करने की अपील की है।

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