माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला सोमवार को अचानक मसूरी पहुंचे और अपने बचपन के दिनों की यादें ताज़ा कर दीं। नडेला ने यहां स्थित अपने पुराने स्कूल कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी (सीजेएम) वेवरली स्कूल का दौरा किया, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी।
बचपन की गलियों में लौटे नडेला
साल 1970–1971 में जब नडेला ने वेवरली स्कूल में पढ़ाई की थी, तब वह महज़ छोटे बच्चे थे। लंबे समय बाद जब वह स्कूल पहुंचे तो शिक्षकों, स्टाफ और छात्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान नडेला ने स्कूल परिसर में घूमकर पुरानी यादें ताज़ा कीं और अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि यह जगह उनके जीवन की नींव का बड़ा हिस्सा रही है।
परिवार भी साथ—खास मुलाकातें, तस्वीरें और भावनाएं
नडेला इस यात्रा पर अपनी पत्नी अनुपम नडेला और बेटियों दिव्या और तारा के साथ आए थे, ताकि वे भी वह जगह देख सकें, जहां नडेला ने अपना बचपन बिताया था।
प्रधानाचार्य सिस्टर शायमा और स्कूल मैनेजर सिस्टर सूजी ने औपचारिक रूप से उनका स्वागत किया। नडेला ने शिक्षकों और बच्चों के साथ कई तस्वीरें भी खिंचवाईं।
पहले से थी यात्रा की जानकारी
स्कूल के सोशल मीडिया इंचार्ज एवं हाउस मास्टर रितेश के. भट्टाचार्य ने बताया कि नडेला के आगमन से पहले उनकी टीम ने स्कूल को सूचित कर दिया था। नडेला अमेरिका से भारत पहुंचे और फिर मसूरी आए।
पिता की मसूरी से पुरानी जुड़ाव की कहानी
सत्या नडेला के पिता बी.एन. युगांधर, 1962 बैच के प्रसिद्ध IAS अधिकारी रहे हैं।
उन्होंने 1988 से 1993 तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में निदेशक के रूप में कार्य किया।
यही कारण रहा कि नडेला का बचपन भी मसूरी की वादियों में बीता और यही संबंध आज उन्हें दोबारा इस जगह खींच लाया।
स्कूल प्रशासन में उत्साह
स्कूल परिसर में कोऑर्डिनेटर जॉली जॉन सहित कई अन्य शिक्षक और स्टाफ मौजूद रहे। नडेला की यात्रा ने स्कूल के छात्रों और शिक्षकों में उत्साह भर दिया और यह दिन सभी के लिए यादगार बन गया।

