उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित रजत जयंती उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देवभूमि की सबसे बड़ी ताकत उसकी आध्यात्मिक शक्ति है। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड ठान ले तो आने वाले वर्षों में खुद को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित कर सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्य के मंदिर, आश्रम और योग की परंपरा को वैश्विक नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है, जिससे उत्तराखंड न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा केंद्र बन सकेगा।

28 मिनट के भाषण में विकास और भविष्य की दिशा पर बोले पीएम मोदी

एफआरआई परिसर में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने 28 मिनट तक उत्तराखंड की 25 वर्षों की विकास यात्रा और भविष्य की दिशा पर विस्तार से बात की। उन्होंने कुल 8260 करोड़ रुपये की 31 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने अपने पहाड़ी अंदाज में की — “देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भै बंधु, दीदी, भुलियों, दाना सयानो, आप सबू तै म्यारू नमस्कार।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ नवंबर का दिन उत्तराखंडवासियों की लंबी तपस्या का फल है और हर व्यक्ति को गर्व का अहसास कराता है।

उन्होंने राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जिन सपनों के साथ उत्तराखंड राज्य बनाया था, वे आज साकार होते दिख रहे हैं। सीमित संसाधनों और बजट के बावजूद राज्य ने उल्लेखनीय विकास किया है।

फिल्म, वेडिंग और लोकल प्रोडक्ट्स में छिपा विकास का भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड अब फिल्म और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से उभर रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया कि “वेड इन इंडिया” की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए राज्य को कुछ आलीशान वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने होंगे।

वहीं, “वोकल फॉर लोकल” के तहत उन्होंने कहा कि बेडू फल और बद्री गाय के घी को जीआई टैग मिलने से राज्य की पहचान मजबूत होगी।
“हाउस ऑफ हिमालयाज” जैसे ब्रांड स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार ने उत्तराखंड के विकास में नई ऊर्जा भरी है। “जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब उत्तराखंड कहां होगा — यही हमें अब तय करना है,” उन्होंने कहा।

एक जिला एक मेला: संस्कृति और पर्यटन को जोड़ने का मंत्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि “मेलों और त्योहारों में उत्तराखंड की आत्मा बसती है”।
उन्होंने सुझाव दिया कि “एक जिला, एक मेला” अभियान के माध्यम से राज्य के पारंपरिक मेले जैसे हरेला, फुलदेई, भिंटोली, नंदादेवी, जौलजीवी, देवीधुरा, श्रावणी और बटर फेस्टिवल को पर्यटकों से जोड़ा जा सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और होमस्टे को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जब पर्यटक यहां के घरों में रहकर चुटकानी, रोट, अरसा और झंगोरा की खीर खाएंगे, तो वे दोबारा जरूर लौटेंगे।”

ईको और एडवेंचर टूरिज्म से विकास की नई उड़ान

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को नई दिशा बताते हुए कहा कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने बताया कि आदि कैलाश में जहां पहले सालाना दो हजार से भी कम पर्यटक आते थे, अब यह संख्या 30 हजार को पार कर चुकी है।
इसी तरह केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब 17 लाख तक पहुंच गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि ईको और एडवेंचर टूरिज्म के जरिए उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
समारोह में राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, समेत कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

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