नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताज़ा रिपोर्ट ने हिमालयी राज्यों में महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध की गंभीर तस्वीर सामने रखी है। रिपोर्ट के अनुसार, असम के बाद उत्तराखंड वह राज्य है जहां महिलाओं को सबसे अधिक साइबर अपराधों का सामना करना पड़ा।
उत्तराखंड में साइबर अपराध की स्थिति
साल 2023 में उत्तराखंड में कुल 494 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए। इनमें से 144 मामले सीधे महिलाओं से जुड़े थे। इसका मतलब है कि राज्य में दर्ज हर तीन साइबर अपराधों में से एक महिला शिकार बनी।
महिलाओं से जुड़े अपराधों की श्रेणी:
साइबर अश्लील वीडियो: 51 मामले
साइबर ब्लैकमेलिंग: 26 मामले
साइबर स्टॉकिंग और बुलिंग: 6 मामले
अन्य साइबर अपराध: 60 मामले
हिमालयी राज्यों की तुलना
रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध के अनुपात में सिक्किम सबसे आगे है, जहां कुल मामलों का 66.7% महिलाओं से जुड़ा रहा। वहीं असम में यह आंकड़ा 51.5% और हिमाचल प्रदेश में 31.5% दर्ज किया गया।
असम: कुल 909, महिलाओं से जुड़े 469 मामले
उत्तराखंड: कुल 494, महिलाओं से जुड़े 144 मामले
हिमाचल प्रदेश: कुल 127, महिलाओं से जुड़े 40 मामले
सिक्किम: कुल 12, महिलाओं से जुड़े 8 मामले
अरुणाचल प्रदेश: कुल 24, महिलाओं से जुड़े 4 मामले
साल-दर-साल बदलाव (उत्तराखंड)
उत्तराखंड में साइबर अपराधों के मामलों में लगातार गिरावट देखी गई है।
2021: 718 मामले
2022: 559 मामले
2023: 494 मामले
यह संकेत है कि राज्य में बढ़ती जागरूकता और सतर्कता का असर दिखाई देने लगा है। हालांकि, महिलाओं से जुड़े अपराध अब भी चिंताजनक हैं और बड़ी संख्या में दर्ज हो रहे हैं।
अन्य राज्यों के आंकड़े
हिमाचल प्रदेश: अश्लील वीडियो के 21, स्टॉकिंग के 2, अन्य 17 मामले
सिक्किम: अश्लील वीडियो के 4, अन्य 4 मामले
अरुणाचल प्रदेश: केवल 4 मामले
नगालैंड: अश्लील वीडियो का 1 मामला
मणिपुर: अन्य साइबर अपराध के 6 मामले
मेघालय: अश्लील वीडियो के 9, अन्य 19 मामले
त्रिपुरा: अश्लील वीडियो के 13 मामले
निष्कर्ष
एनसीआरबी की रिपोर्ट साफ करती है कि असम और उत्तराखंड महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों के लिहाज़ से सबसे अधिक प्रभावित राज्य बने हुए हैं। हालांकि उत्तराखंड में कुल मामलों की संख्या में कमी आई है, लेकिन महिलाओं को शिकार बनाने वाले अपराध अब भी उच्च स्तर पर हैं।


