धराली आपदा में मलबे के नीचे दबे कल्पकेदार मंदिर की लोकेशन आखिरकार जीपीआर तकनीक की मदद से मिल गई है। ग्रामीणों की लगातार मांग और प्रयासों के बाद आईटीबीपी व एसडीआरएफ की टीमों ने मंदिर के स्थान का पता लगाया। टीमों के अनुसार मंदिर करीब आठ से दस फीट नीचे दबा हुआ है।
मंदिर के चिन्ह मिलने के बाद ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और सर्चिंग टीमों के साथ मिलकर वहां एक हनुमान झंडी स्थापित की। मंदिर समिति के सचिव संजय पंवार ने बताया कि जब तक बाबा कल्पकेदार मंदिर पूरी तरह से मलबे से बाहर नहीं आता, तब तक हनुमान झंडी की सुबह-शाम पूजा की जाएगी।
गौरतलब है कि 5 अगस्त को आई आपदा में धराली बाजार का बड़ा हिस्सा, कई बहुमंजिला इमारतें और महाभारतकालीन कल्पकेदार मंदिर मलबे में दब गया था। इसके बाद से एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ लगातार जीपीआर व रेको डिटेक्टर मशीनों से दबे लोगों और संरचनाओं की तलाश कर रही है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जैसे पहले राजराजेश्वरी की मूर्ति सुरक्षित मिली थी, वैसे ही जल्द ही बाबा कल्पकेदार के दर्शन भी होंगे।

