केदारनाथ धाम की कठिन यात्रा अब आसान होने जा रही है। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने की जिम्मेदारी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) को सौंपी गई है। कंपनी को इस परियोजना के लिए आधिकारिक सहमति पत्र मिल चुका है और अब इसका क्रियान्वयन एईएल ही करेगी।
9 घंटे की यात्रा अब सिर्फ 36 मिनट में
अभी तक केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए यात्रियों को 16 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती थी, जिसे पूरा करने में 8 से 9 घंटे का समय लग जाता है। लेकिन रोपवे बनने के बाद यह दूरी केवल 36 मिनट में पूरी हो जाएगी।
हर घंटे 1,800 यात्रियों की क्षमता
यह रोपवे आधुनिक तकनीक से बनाया जाएगा और इसकी क्षमता प्रति दिशा प्रति घंटे 1,800 यात्रियों की होगी। इससे हर साल लाखों श्रद्धालु बिना कठिनाई के केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे।
पर्वतमाला परियोजना का हिस्सा
केदारनाथ रोपवे राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ‘पर्वतमाला परियोजना’ का हिस्सा है। इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना को पूरा होने में लगभग 6 साल का समय लगेगा। इसके बाद 29 वर्षों तक इसका संचालन एईएल करेगी।
अदाणी ग्रुप की प्रतिक्रिया
अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा –
“केदारनाथ रोपवे सिर्फ एक इंजीनियरिंग परियोजना नहीं है, बल्कि यह भक्ति और आधुनिक बुनियादी ढाँचे के बीच एक सेतु है। यह रोपवे यात्रा को सुरक्षित, तेज़ और अधिक सुलभ बनाएगा। साथ ही यह उत्तराखंड के लोगों के लिए नए अवसर और विकास का मार्ग खोलेगा।”

