उत्तराखंड में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों में इस बार 4.56 लाख नए मतदाता अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे। वर्ष 2019 की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 10.57% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे कुल मतदाता संख्या अब 47.77 लाख हो गई है।
वोटर डेटा में बड़ा बदलाव
वर्ष कुल मतदाता पुरुष महिला अन्य
2019 43,20,279 22,07,347 21,12,932 0
2025 47,77,072 24,65,702 23,10,996 374
वृद्धि 4,56,793 2,58,355 1,98,064 374
दो चरणों में होंगे चुनाव, 19 जुलाई को आएंगे नतीजे
चुनाव प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। मतदान क्रमशः 10 और 15 जुलाई को होगा, जबकि 19 जुलाई को मतगणना की जाएगी। नामांकन, जांच और चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया दोनों चरणों में एक जैसी है, लेकिन दूसरे चरण में चिन्ह आवंटन की तारीख अलग रखी गई है।
📌 पहला चरण
नामांकन: 25–28 जून
जांच: 29 जून–1 जुलाई
नाम वापसी: 2 जुलाई
चुनाव चिन्ह आवंटन: 3 जुलाई
मतदान: 10 जुलाई
मतगणना: 19 जुलाई
📌 दूसरा चरण
नामांकन: 25–28 जून
जांच: 29 जून–1 जुलाई
नाम वापसी: 2 जुलाई
चुनाव चिन्ह आवंटन: 8 जुलाई
मतदान: 15 जुलाई
मतगणना: 19 जुलाई
67 पर्यवेक्षक और प्रवर्तन टीमें होंगी तैनात
चुनाव की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 67 प्रेक्षक तैनात किए जाएंगे, जिनमें 55 सामान्य प्रेक्षक और 12 आरक्षित वर्ग के प्रेक्षक शामिल हैं।
इसके अलावा हर जिले में तीन प्रवर्तन टीमें बनाई जाएंगी:
जिला प्रशासन टीम
पुलिस विभाग टीम
आबकारी विभाग टीम
ये टीमें अवैध शराब, नकदी और अन्य प्रलोभनों पर नजर रखेंगी।
चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई गई
इस बार उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा में वृद्धि की गई है:
ग्राम पंचायत सदस्य: ₹10,000
प्रधान: ₹75,000 (पहले ₹50,000)
क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC): ₹75,000 (पहले ₹50,000)
जिला पंचायत सदस्य: ₹2,00,000 (पहले ₹1,40,000)
चुनाव खर्च पर निगरानी रखने के लिए प्रत्येक जिले में अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो समय-समय पर उम्मीदवारों से खर्च मिलान करेंगे।

