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श्रीपुर बिचुवा गांव में स्वजन ने मरा समझकर जिसका अंतिम संस्कार कर दिया था वह बुधवार को जीवित मिला। गुरुवार को पुरोहित बुलाकर फिर से नामकरण, जनेऊ व विवाह आदि संस्कार कराए। युवक का नाम नवीन के बजाय अब नारायण रखा गया है। सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी से 24 नवंबर को लावारिस व्यक्ति की मौत की सूचना पुलिस को मिली। मृतक के जेब से मिली फोटो और कोरोना काल के समय का फ्री इंप्लायमेंट मेडिकल चेकअप फार्म देखकर पुलिस ने श्रीपुर बिचुवा निवासी धर्मानंद भट्ट से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। दरअसल, धर्मानंद भट्ट के पुत्र नवीन…
वह गब्बर सिंह नेगी ही थे, जो 17 दिन तक उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में कैद श्रमिकों की हिम्मत बने। स्वयं सुरंग में फंसे होने के बावजूद गबर सिंह अपने साथियों को हौसला बंधाते रहे और भरोसा दिलाते रहे कि सभी जल्द ही आजाद होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक हर किसी ने गबर सिंह की प्रशंसा की। शुक्रवार को जब वह कोटद्वार स्थित अपने घर पहुंचे तो वहां भी उनका नायकों जैसा स्वागत किया गया। बेटे को देखकर मां बिचुली देवी की आंखें छलक गईं। मां ने अपने पाल्य का माथा…
रुद्रप्रयाग जिले में ऑल वेदर रोड पर इस जगह तैयार हो रहा है उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर ब्रिज
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग जिले में नरकोटा में उत्तराखंड राज्य का पहला घुमावदार पुल बनाया जा रहा है। ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत 64 करोड़ की लागत से 110 मीटर लंबे पुल का निर्माण जोरों पर है। मई 2024 तक पुल से वाहनों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है। ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा गदेरे पर घुमावदार मोटर पुल का निर्माण हो रहा है। इसकी सुरक्षा के लिए दोनों तरफ के साथ ऊपरी की तरफ से सुरक्षा केबल रहेगी। इस सिग्नेचर पुल की बनावट ही इसका प्रमुख आकर्षण होगी। बताया जा रहा है…
Uttarakhand: उत्तरकाशी जिले की एक और सुरंग से ‘खतरों’ का रिसाव, ग्रामीणों की बढ़ रही चिंता
सिलक्यारा सुरंग हादसे के साथ ही उत्तरकाशी जिले की एक और सुरंग में पानी का रिसाव ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस सुरंग से इतना पानी बह रहा कि इससे सिंचाई की नहर व जमीनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ग्रामीण डर के साये में जी रहे हैं। उधर, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) का कहना है कि सुरंग के उपचार का काम लगातार जारी है। दरअसल, मनेरी भाली-2 परियोजना की 16 किलोमीटर लंबी सुरंग है। इस सुरंग से पानी जाता है, जिसके बाद धरासूं में बिजली का उत्पादन होता है। धरांसू बैंड के निकट महरगांव…
लीजेंड लीग क्रिकेट में भीलवाड़ा किंग्स और मणिपाल टाइगर्स के बीच मुकाबला खेला जा रहा है। पहले बल्लेबाजी करते हुए मणिपाल टाइगर्स ने 20 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 211 रन बनाए। मणिपाल की तरफ से खेलते हुए वेस्टइंडीज के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज चैडविक वॉल्टन ने गदर मचाते हुए सीजन का पहला शतक जड़ दिया। भीलवाड़ा किंग्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। भीलवाड़ा के कप्तान इरफान पठान का यह फैसला उस वक्त गलत साबित हो गया जब मणिपाल टाइगर्स के ओपनर रॉबिन उथप्पा और चैडविक वाल्टन ने पहले विकेट के लिए 87 रन की…
कोटद्वार में 26 से 28 नवंबर तक होने वाली अग्निवीर भर्ती रैली की तैयारियां जोरों पर हैं। तैयारियों को समय पर पूरा करने के लिए एआरओ कार्यालय लैंसडौन और जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल के बीच बैठक हो चुकी है। इस संबंध में रैली के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए डीएम, पौड़ी द्वारा सभी हितधारकों की एक बैठक आयोजित की गई। एआरओ कार्यालय ने बताया कि इस बार दलालों की गतिविधियों और फर्जी उम्मीदवारों के नामांकन को रोकने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीदवारों को किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सतर्क रहने के लिए…
दीपावली विश्व प्रसिद्ध त्योहार है. लेकिन आज भी उत्तराखंड मे ईगास यानी बूढ़ी दीपावली बढी धूमधाम से मनाई जाती है. क्योकि पुरूषोत्तम राम जब लंका पर विजय होकर अयोध्या पहुंचे तो वहा पर दीपावली मनायी गयी लेकिन यह खबर दूरस्थ पहाड़ वासियो को ग्यारह दिनो बाद मिली. इसके पीछे भी पहाड मे अलग-अलग तर्क है. लेकिन अब पलायन कर चुके लोग एकबार फिर से इस त्योहार मे अपने गाँव आ रहे है यही इस त्योहार की खूबसूरती है. क्या है इगास पर्वः- उत्तराखंड में बग्वाल या इगास मनाने की परंपरा है. दीपावली को यहां बग्वाल कहा जाता है, जबकि बग्वाल…
दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को आज इगास(बग्वाल) के दिन बाहर निकाला जा सकता है. सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 264 घंटे से ऊपर का समय बीत चुका है। 12 नवम्बर की सुबह 5:30 बजे हादसा हुआ था। जब अचानक ऊपर से मलबा गिरने की वजह से 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। उम्मीद है अब कुछ ही देर में मजदूर सुबह का सूरज देख पाएंगे। उत्तरकाशी सुरंग में राहत बचाव कार्य का आज 12वां दिन हैं. अब सिर्फ 6-8 मीटर का दायरा ड्रिलिंग के लिए बाकी है.…
सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव दल ‘क्षैतिज ड्रिलिंग’ पद्धति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि आज रात से शुरू हो रहा समय ‘सबसे महत्वपूर्ण’ है और अगर सब कुछ सही रहा तो अगले 24 घंटों में कुछ अच्छी खबर सामने आएगी। अपर सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने बताया कि अब टेलीस्कोपिंग विधि से 900 मिमी की जगह 800 मिमी व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं। मंगलवार को अमेरिकी ऑगर मशीन से यहां दोबारा ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया। जिससे 820 एमएम व्यास…
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने को लेकर रेस्क्यू अभियान 24 घंटे संचालित हो रहा है। वहीं, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई। तस्वीर में सभी श्रमिक सुरक्षित दिखाई दे रहे हैं। सिलक्यारा सुरंग की ओर से अमेरिकन औगर मशीन से एस्केप टनल बनाने का कार्य फिर से शुरू होने वाला है। दिल्ली से आई मैकेनिकल टीम ने अमेरिकन औगर मशीन के कलपुर्जे बदले हैं और मशीन को संचालित करने की तैयारी की जा रही है। भूस्खलन के मलबे में छह पाइप डालने के बाद श्रमिकों तक पहली बार सॉलिड फूड पहुंचाया गया। इसके…