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    Home»उत्तराखंड»नोट बंदी की मार से 8 साल बाद भी नहीं उबर पाई गरीब जनता
    उत्तराखंड

    नोट बंदी की मार से 8 साल बाद भी नहीं उबर पाई गरीब जनता

    Amit ThapliyalBy Amit ThapliyalNovember 9, 2024No Comments2 Mins Read
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    नोटबंदी का लाभ केवल भाजपा और उसके सहयोगी व्यापारिक घरानों को हुआ- कांग्रेस

    न काला धन वापस आया और न आतंकवाद की कमर टूटी

    देहरादून। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने नोट बंदी की 8वीं बरसी पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि मोदी सरकार के इस अविवेक पूर्ण फैसले से केवल भाजपा और उसके मित्र व्यापारिक घरानों को लाभ हुआ ।

    नोटबंदी के शीघ्र बाद भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई द्वारा नोट बंदी से पहले अपने खाते में करोड़ों रूपये जमा करना तथा भाजपा की बिहार इकाई द्वारा करोड़ों रूपये की जमीन खरीदना नोटबंदी के फैसले की गोपनीयता पर आज भी प्रश्नचिन्ह्र है।

    प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने कहा कि 8 नवम्बर 2016 को केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिये गये नोट बंदी के अविवेकपूर्ण फैसले के कारण पूरे देश में अफरातफरी का मौहाल उत्पन्न हो गया था, तथा आम आदमी को जिस दौर से गुजरना पड़ा उसकी पीड़ा देश के आम आदमी के मन में आज भी है।

    गरीब आदमी को अपनी बेटी की विदाई और अस्पतालों में नोट बंदी के कारण गम्भीर स्थिति का सामना करना पड़ा। निजी चिकित्सालय एवं दवाइयों की दुकानों में यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में भी नोट बंदी के कारण रोगियों की चिकित्सा संभव नहीं हो पा रही थी।

    प्रतिमा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तर्क दिया था कि नोट बंदी से सारा काला धन वापस आयेगा, आतंकवाद की कमर टूट जायेगी, रोजगार बढ़ेगा। परन्तु न तो काला धन आया, न आतंकवाद की कमर टूटी उल्टे लाखों लोगों का रोजगार छिन गया ।

    नोट बंदी के चलते इलाज के अभाव में कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया जिसके लिए देश की गरीब जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।

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