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    Home»उत्तराखंड»पहाड़ की पीड़ा को दिखाती हुई मार्मिक फिल्म “यकुलांश”, टीम पांडवाज का बेहतरीन काम
    उत्तराखंड

    पहाड़ की पीड़ा को दिखाती हुई मार्मिक फिल्म “यकुलांश”, टीम पांडवाज का बेहतरीन काम

    adminBy adminSeptember 1, 2021No Comments3 Mins Read
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    पहाड़ की पीड़ा को दिखाती हुई मार्मिक फिल्म “यकुलांश”, टीम पांडवाज का बेहतरीन काम
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    क्या आप उत्तराखंड से है ? क्या आप पहाड़ से है …… तो आइये देखिये सच्ची घटना पर आधारित, पहाड़ की पीड़ा को दिखाती हुई यह मार्मिक “यकुलांश” फिल्म। टीम पांडवाज आपने वास्तव में बिल्कुल अपने छोटे से फिल्म में बिल्कुल सत्यता को दर्शाया है, पर यह वास्तव में चिंतनीय विषय है कि वास्तव में छोटे से समय में जब उत्तराखंड को बने 20, 22 साल हुए है और अभी से ही हमारे गांव खाली हो चुके या हो रहे है। पलायन वास्तव में एक चिंतनीय विषय है जिसके बारे में आज का युवा ही सोच सकता है पहल कर सकता है। आइये आपको बताते है फिल्म की पूरी कहानी जैसे की आपको पता है पांडवाज हर बार अपने दर्शकों को के लिए कुछ ना कुछ नया लेकर आते हैं। इसी कड़ी में पलायन पर आधारित पहाड़ों की खौफनाक हकीकत को बंया करती हुई शार्ट फिल्म यकुलांस द घोस्ट ऑफ विलेज लेकर आये हैं। यकुला यानि अकेला होना, गांवों में कभी हंसी ठिठोली से गूंजते अब खौफनाक सन्नाट पसरा हुआ है। रोजी-रोटी की तलाश में गावं के जवान शहरों में चले गए। हर तरफ डराने वाली खामोशी पसरी है।

    वहीं यकुलांस इन्हीं गांवो में रह रहे एक बुजुर्ग शख्स की कहानी है। जो अकेलेपन में जीता हुआ अपने मवेशियों से बातें करता नजर आता है। एक दशक के भीतर उत्तराखंड से पांच लाख से अधिक लोग पलायन कर गए हैं, जिससे पहाड़ में बसे 3,946 गांव घोस्ट विलेज बनकर रह गए हैं। फिल्म के संगीत निर्देशक हैं ईशान डोभाल, उन्होंने संगीत के माध्यम से हर भाव को छूने की कोशिश की है। फिल्म के गीतों को जगदंबा चमोला और दीपा बुग्याली ने अपनी भावपूर्ण आवाज से सजाया है। इस फइल्म के गीत को भी जगदंबा चमोला और प्रेम मोहन डोभाल ने लिखा है। घोस्ट विलेज में साउंड रिकॉर्डिंग एक चुनौती होती है, क्योंकि हर तरफ सन्नाटा पसरा होता है। इस मुश्किल को पांडवाज़ ने महसूस किया होगा। दामोदर हरि फाउंडेशन के बैनर तले बनी ये शॉर्ट फिल्म चमोली के एक घोस्ट विलेज में फिल्माई गई है। जो कि पांडवाज की टाइम मशीन सीरीज का पार्ट-4 है। फिल्म के राइटर डायरेक्टर कुणाल डोभाल हैं। आज टीम पांडवाज ने साबित कर दिया की  कला के माध्यम से चिंतन और मनन के द्वार खोले जा सकते हैं। कला किसी वर्ग या व्यक्ति को प्रसन्न या मनोरंजित करने मात्र का माध्यम नहीं है। यह आत्माभिव्यक्ती है इसे चुनौतीपूर्ण और मानसिकताओं को सोचने पर मजबूर करने वाला होना ही चाहिए। एक बार पुनः पांडवास की टीम को बहुत बहुत बधाई…देखिये वीडियो:

    ISHAAN DOBHAL NEW SONG KUNAL DOBHAL NEW SONG NEW GARHWALI SONG YAKULAANS
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