देहरादून में 11 नवंबर 2024 की रात ओएनजीसी चौक पर हुए दिल दहला देने वाले हादसे की जांच में बड़ा अपडेट सामने आया है। करीब एक साल बाद कैंट कोतवाली पुलिस ने इस मामले में 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है।
पुलिस ने चालक राजकुमार, वाहन मालिक नरेश, और घटना के समय वाहन को किराये पर लेने वाले अभिषेक के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद माना जा रहा है कि अब मामले का ट्रायल जल्द शुरू होगा। पुलिस ने इस केस में 60 लोगों को गवाह बनाया है।
कामाक्षी की मौत पर पिता ने उठाए थे सवाल
इस हादसे में कानवली रोड निवासी 20 वर्षीय कामाक्षी, जो परिवार की इकलौती बेटी थीं, की मौत हो गई थी। घटना की पहली बरसी पर कामाक्षी के पिता, अधिवक्ता तुषार सिंघल, ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल खड़े किए थे।
उनका आरोप था कि पुलिस ने सिर्फ क्लीनर की गिरफ्तारी कर खानापूर्ति की, जबकि असली जिम्मेदारी कंटेनर मालिक पर थी।
उन्होंने यह भी कहा था कि पुलिस ने अब तक उनके बयान नहीं लिए और चार्जशीट भी दाखिल नहीं हुई। इन आरोपों के बीच अब पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
देहरादून दहल गया था—छह दोस्तों की मौत
यह हादसा इतना भयावह था कि देहरादून में सनसनी फैल गई थी। 11 नवंबर की रात 01:11 बजे कुणाल कुकरेजा, ऋषभ जैन, नव्या गोयल और अतुल अग्रवाल, कामाक्षी के घर पहुंचे थे।
उस समय कामाक्षी के साथ उनकी दोस्त गुनीत भी मौजूद थी। दोस्तों ने थोड़ी देर शहर घूमने का प्रस्ताव रखा और कामाक्षी बिना परिवार को बताए उनके साथ चली गईं। महज़ 10 मिनट बाद, 01:21 बजे, गाड़ी ओएनजीसी चौक पर भीषण हादसे का शिकार हो गई।
कामाक्षी के पास मौजूद एपल फोन टूटने की सूचना उनके पिता को अलर्ट के रूप में मिली। परिवार मौके पर पहुंचा तो दृश्य देखकर बेसुध हो गया।
अवैध नंबर प्लेट और संदिग्ध वाहन दस्तावेज
जांच में सामने आया कि घटना में शामिल इनोवा हाइब्रिड गाड़ी एक साल पहले चेन्नई से खरीदी गई थी। वाहन दिल्ली निवासी विनीत गुप्ता के नाम से रजिस्टर्ड था, जबकि उस रात इसे अतुल अग्रवाल चला रहा था।
मजेदार yet गंभीर बात यह है कि वाहन पिछले एक साल से उत्तराखंड में चल रहा था, लेकिन इस पर कर्नाटक का टेंपरेरी नंबर ही लगा था और गाड़ी यहाँ रजिस्टर्ड ही नहीं कराई गई थी।
गाड़ी में आगे की सीटों पर अतुल और कुणाल बैठे थे। बीच की सीट पर गुनीत और कामाक्षी थीं, जबकि पीछे नव्या गोयल, ऋषभ जैन और सिद्धेश अग्रवाल बैठे थे।

