उत्तराखंड की सरज़मीं एक बार फिर गर्व से झूम उठी है। पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बड़ालू की बेटी खुशी चंद ने एशियन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में देश का नाम रोशन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। बहरीन के मनामा में 23 से 30 अक्टूबर तक हुई तीसरी एशियाई युवा खेल प्रतियोगिता में खुशी ने अंडर-17 बालिका वर्ग (44–46 किग्रा) में शानदार प्रदर्शन कर चीन की बॉक्सर लूओ जिन्शियु को फाइनल में हराया।
फाइनल तक का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं रहा। खुशी ने जॉर्डन, सऊदी अरब और मंगोलिया की खिलाड़ियों को एक-एक कर मात देते हुए फाइनल में प्रवेश किया और फिर निर्णायक मुक्कों से चीन की प्रतिद्वंद्वी को परास्त कर देश का तिरंगा ऊंचा किया।
दो बहनों ने लिखा बॉक्सिंग में स्वर्ण अध्याय
खुशी सिर्फ खुद नहीं, बल्कि अपने परिवार की दूसरी ऐसी बेटी हैं जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। उनकी बड़ी बहन निकिता चंद पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण जीतकर देश को गौरवान्वित कर चुकी हैं।
दोनों बहनों के साथ उनका छोटा भाई नीरज चंद भी बॉक्सिंग में कदम रख चुका है और राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीत चुका है।
यह पूरा परिवार मानो मुक्केबाज़ी का पर्याय बन गया है।
गरीब किसान परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर
खुशी के पिता सुरेश चंद और माता दीपा देवी साधारण किसान हैं जो खेती और पशुपालन के जरिए परिवार चलाते हैं। इसी सादगीभरे माहौल से निकली खुशी ने कठिन परिश्रम और मजबूत इरादों से यह मुकाम हासिल किया है।
कोच बने प्रेरणा – बिजेंद्र मल्ल की मेहनत रंग लाई
खुशी और निकिता दोनों को बॉक्सिंग की बारीकियां बिजेंद्र बॉक्सिंग क्लब, पिथौरागढ़ के संस्थापक और अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर बिजेंद्र मल्ल ने सिखाईं। बिजेंद्र न सिर्फ उनके कोच हैं बल्कि उनके फूफा भी हैं।
1987 में नेशनल चैंपियन रह चुके बिजेंद्र मल्ल ने दोनों बहनों और उनके भाई नीरज को भी खेल की दिशा दी।
पहले भी जीत चुकी हैं कई पदक
खुशी के लिए यह पहला अंतरराष्ट्रीय गोल्ड नहीं है। उन्होंने
मार्च 2024 में सब जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड,
सितंबर 2024 में अबूधाबी एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज,
और 2023 में सब जूनियर बॉक्सिंग में भी गोल्ड मेडल जीता था।
जिले में जश्न, खिलाड़ियों ने कहा – गर्व का पल
खुशी की ऐतिहासिक जीत से पिथौरागढ़ में खुशी की लहर दौड़ गई। जिला क्रीड़ा अधिकारी अनूप बिष्ट ने कहा कि “खुशी की उपलब्धि सीमांत क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।”
जिला बॉक्सिंग संघ के पदाधिकारियों और प्रशिक्षकों ने भी खुशी व उनके कोच को बधाई दी।
उनकी साथी खिलाड़ी ने कहा —
“खुशी का गेम कमाल का है, उसका मूवमेंट बहुत तेज है। पिथौरागढ़ की लड़की का गोल्ड जीतना हम सबके लिए गर्व का पल है।”
एक छोटी सी पहाड़ी लड़की, जिसने दिखाया कि जुनून हो तो मंज़िल दूर नहीं।
खुशी चंद की यह जीत न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय बन गई है।

