Dainik UjalaDainik Ujala
    What's Hot

    चमोली: जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और डॉ. पूजा का विवाह बना समाज के लिए मिसाल

    June 1, 2025

    उम्रकैद की सजा सुनते ही कातिल की ‘हीरो वाली’ मुस्कान – इंसाफ की अदालत में शैतानी जश्न

    May 31, 2025

    अंकिता भंडारी को मिला न्याय…दोषियों कों मिली सजा, धामी सरकार की सख्ती और संवेदनशीलता ने दिलाया भरोसा

    May 30, 2025
    Facebook Twitter Instagram
    Sunday, June 1
    Facebook Twitter Instagram
    Dainik Ujala Dainik Ujala
    • अंतर्राष्ट्रीय
    • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • बागेश्वर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • देहरादून
      • हरिद्वार
      • नैनीताल
      • रुद्रप्रयाग
      • पौड़ी गढ़वाल
      • पिथौरागढ़
      • टिहरी गढ़वाल
      • उधम सिंह नगर
      • उत्तरकाशी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • अन्य खबरें
    • संपर्क करें
    Dainik UjalaDainik Ujala
    Home»Uncategorized»जलवायु परिवर्तन का सबूत: बदरीनाथ की चोटियों से बर्फ क्यों गायब?
    Uncategorized

    जलवायु परिवर्तन का सबूत: बदरीनाथ की चोटियों से बर्फ क्यों गायब?

    adminBy adminApril 22, 2025No Comments1 Min Read
    Facebook Twitter Pinterest WhatsApp LinkedIn Tumblr Email Telegram
    जलवायु परिवर्तन का सबूत: बदरीनाथ की चोटियों से बर्फ क्यों गायब?
    Share
    Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Pinterest

    बदरीनाथ धाम की ऊँची चोटियां इन दिनों अप्रत्याशित रूप से बर्फ से खाली नजर आ रही हैं, जो वैज्ञानिकों के अनुसार एक गंभीर पर्यावरणीय संकेत है। जहां कभी अप्रैल और मई तक बर्फ की मोटी चादर नजर आती थी, अब अप्रैल की शुरुआत में ही बर्फ गायब हो गई है।

    ग्लेशियर वैज्ञानिक डॉ. मनीष मेहता का कहना है कि यह बदलाव सिर्फ मौसम का नहीं, बल्कि इंसानी गतिविधियों और ग्लोबल वार्मिंग का मिला-जुला परिणाम है। पहले जब बदरीनाथ के कपाट खुलते थे, धाम पूरी तरह बर्फ से ढका होता था। अब न सिर्फ बर्फबारी देर से हो रही है, बल्कि जो बर्फ गिरती भी है, वह तेजी से पिघल रही है।

    डॉ. मेहता के अनुसार, बर्फ ग्लेशियरों को सूर्य की सीधी गर्मी से बचाने वाली जैकेट की तरह काम करती है। लेकिन जब यह ‘जैकेट’ गायब हो रही है, तो ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना तय है। इसका सीधा असर पर्यावरणीय संतुलन पर पड़ेगा और भविष्य में जल संकट और आपदाओं की आशंका बढ़ सकती है।

    यह स्थिति सिर्फ बदरीनाथ ही नहीं, पूरे हिमालयी क्षेत्र के लिए चेतावनी है कि अगर अभी नहीं चेते, तो आने वाले समय में परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं।

    Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram
    admin
    • Website

    Related Posts

    चमोली: जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और डॉ. पूजा का विवाह बना समाज के लिए मिसाल

    June 1, 2025

    उम्रकैद की सजा सुनते ही कातिल की ‘हीरो वाली’ मुस्कान – इंसाफ की अदालत में शैतानी जश्न

    May 31, 2025

    अंकिता भंडारी मर्डर केस में आज फैसला:पिता वीरेंद्र भंडारी बोले-मौत के बदले मौत की सजा मिलनी चाहिए

    May 30, 2025

    उत्तराखंड बनेगा योग का प्रमुख केंद्र, हर वेलनेस सेंटर में शुरू होंगी योग क्लासेस

    May 29, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 Dainik Ujala.
    • Home
    • Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version