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    Home»Uncategorized»सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आरपार… गंगोत्री-यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी होगी कम
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    सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आरपार… गंगोत्री-यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी होगी कम

    adminBy adminApril 17, 2025No Comments2 Mins Read
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    सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आरपार… गंगोत्री-यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी होगी कम
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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी स्थित बहुप्रतीक्षित सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में भाग लिया। यह सुरंग न केवल चारधाम यात्रा के लिहाज़ से अहम है, बल्कि हाल की वर्षों की सबसे बड़ी रेस्क्यू ऑपरेशन की गवाह भी रही है।

    गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक अंदर फंस गए थे। 17 दिनों तक चले इस अभूतपूर्व रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री धामी की नेतृत्व क्षमता की मिसाल देखने को मिली। अंततः सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे पूरा देश राहत की सांस ले सका।

    करीब 853 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह 4.531 किमी लंबी डबल लेन सुरंग, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी को लगभग 26 किमी तक घटा देगी। इससे न केवल तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधा और समय की बचत होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोजगार को भी एक नया आयाम मिलेगा।

    मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर सुरंग से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि मानवीय जज्बे और आस्था की जीत है। रेस्क्यू ऑपरेशन ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि जब हम एकजुट होते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है।”

    इस ऐतिहासिक दिन पर मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से श्रमिकों की सुरक्षा की मन्नत मांगी थी और मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था। आज उसी संकल्प को साकार करने वे खुद देहरादून से पूजा सामग्री लेकर पहुंचे।

    मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल एक बड़ी विकास परियोजना की उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक आस्था, तकनीकी प्रगति और मानवीय संवेदना का भी प्रतीक बन गया है।

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