Dainik UjalaDainik Ujala
    What's Hot

    चमोली: सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तराखंड सीमा का दौरा किया, सामुदायिक रेडियो का उद्घाटन

    June 9, 2025

    जनपद टिहरी की उषा, ग्रामीण महिलाओं को दे रही है रोजगार

    June 8, 2025

    दर्दनाक दुर्घटना: उत्तरकाशी में अनियंत्रित पिकअप वाहन सड़क से नीचे गिरा… 2 की मौत

    June 7, 2025
    Facebook Twitter Instagram
    Monday, June 9
    Facebook Twitter Instagram
    Dainik Ujala Dainik Ujala
    • अंतर्राष्ट्रीय
    • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • बागेश्वर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • देहरादून
      • हरिद्वार
      • नैनीताल
      • रुद्रप्रयाग
      • पौड़ी गढ़वाल
      • पिथौरागढ़
      • टिहरी गढ़वाल
      • उधम सिंह नगर
      • उत्तरकाशी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • अन्य खबरें
    • संपर्क करें
    Dainik UjalaDainik Ujala
    Home»राष्ट्रीय»सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला- निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा
    राष्ट्रीय

    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला- निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा

    Amit ThapliyalBy Amit ThapliyalNovember 5, 2024No Comments1 Min Read
    Facebook Twitter Pinterest WhatsApp LinkedIn Tumblr Email Telegram
    Share
    Facebook WhatsApp Twitter Email LinkedIn Pinterest

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को निजी संपत्तियों पर सरकारी अधिकार को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 8-1 के बहुमत से यह निर्णय लिया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी निजी संपत्तियों को सामुदायिक संसाधनों के रूप में नहीं देखा जा सकता, जिन्हें राज्य सरकार आम भलाई के लिए अपने कब्जे में ले सके।

    Nine-judge bench of Supreme Court while delivering verdict on question whether State can take over private properties to distribute to subserve common good, holds all private properties are not material resources and hence cannot be taken over by states.

    Supreme Court by the… pic.twitter.com/dehgHxuMD3

    — ANI (@ANI) November 5, 2024

    हर निजी संपत्ति पर सरकारी अधिकार नहीं
    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत सभी निजी संपत्तियों को ‘समुदाय के भौतिक संसाधनों’ का हिस्सा नहीं माना जा सकता और न ही राज्य उन्हें ‘सार्वजनिक भलाई’ के नाम पर अपने अधिकार में ले सकता है। कोर्ट ने 1978 से संबंधित कई पुराने फैसलों को पलटते हुए कहा कि केवल कुछ संपत्तियां ही सामुदायिक भलाई के लिए उपयुक्त हो सकती हैं, लेकिन सभी संपत्तियों पर सरकारी अधिकार नहीं बनता।

    Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram
    Avatar photo
    Amit Thapliyal

    Related Posts

    ‘मन की बात’ का 122वां एपिसोड, पीएम मोदी ने साझा किए सेना के शौर्य और नागरिकों की भावना के किस्से

    May 25, 2025

    राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए सरकार की ओर से दिखाई गई जल्दबाजी की कड़ी आलोचना की

    April 3, 2025

    नाकामी पर पर्दा है वक्फ बिल, भाजपा सरकार हर मोर्चे पर नाकाम- सांसद अखिलेश यादव 

    April 2, 2025

    सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा घिबली ट्रेंड, लेकिन बन सकता है प्राइवेसी के लिए खतरा

    April 2, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 Dainik Ujala.
    • Home
    • Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version