दिल्ली बम धमाके के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इसी बीच उत्तराखंड के हल्द्वानी में प्रशासन ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर स्थायी निवास प्रमाण पत्र (Domicile) और आधार कार्ड तैयार करता था।
जांच में मुख्य आरोपी के रूप में सामने आए फैजान मिकरानी के बनभूलपुरा स्थित घर पर कमिश्नर दीपक रावत के निर्देश पर छापा मारा गया। छापेमारी के दौरान कई आधार कार्ड, सैकड़ों पुराने बिजली बिल, स्थायी निवास प्रमाण पत्र और बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए।
यह कार्रवाई बरेली निवासी रईस अहमद की जनसुनवाई में दी गई शिकायत के बाद शुरू हुई। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसके नाम पर उसकी जानकारी के बिना फर्जी निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि तहसील में अर्जीनवीस के तौर पर काम कर रहे और सीएससी संचालित करने वाले फैजान ने रईस अहमद, देवेंद्र पांडे और नंदी पांडे के नाम से फर्जी IDs बनाकर निवास प्रमाण पत्र तैयार किए।
पूछताछ में फैजान ने सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के संकेत दिए। बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों पर भी संदेह गहराया है, जो कथित तौर पर आवेदकों से पुराने बिजली बिल पैसे लेकर उपलब्ध करवाते थे। इन्हीं बिलों का इस्तेमाल बाद में फर्जी दस्तावेज बनाने में किया गया।
प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने फर्जी ईमेल IDs और दूसरे लोगों के मोबाइल नंबर का प्रयोग कर आवेदन प्रोसेस किए।
कमिश्नर दीपक रावत ने एसडीएम राहुल शाह को आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करने और तहसील परिसर में केवल लाइसेंसधारी व्यक्तियों को ही काम करने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों और पटवारियों की भूमिका की भी अलग से जांच होगी।
मेयर बिष्ट ने कहा कि प्रदेश में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं इसलिए व्यापक जांच की आवश्यकता है ताकि पूरे नेटवर्क को बेनकाब किया जा सके। यह मामला न केवल सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि आम नागरिकों की पहचान सुरक्षा से भी सीधा जुड़ा हुआ है। जांच जारी है और प्रशासन जल्द विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।

