उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि यात्रा मार्गों पर मौजूद हर खाद्य दुकान को अपना नाम, लाइसेंस और फोटो पहचान पत्र साफ तौर पर दुकान पर प्रदर्शित करना होगा। यह नियम छोटे ठेले-फड़ वालों पर भी लागू होगा।
यदि किसी दुकानदार ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी और दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य सचिव एवं एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह निर्देश देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जैसे प्रमुख जिलों के लिए जारी किए गए हैं, जहां से होकर कांवड़ यात्रा का मुख्य मार्ग गुजरता है।
खाद्य सामग्री की गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
डॉ. कुमार ने स्पष्ट किया कि यात्रा मार्ग पर लगने वाले पंडालों, भंडारों और अस्थायी दुकानों में परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। यदि किसी स्थान पर मिलावटी या खराब खाद्य सामग्री पाई गई, तो संबंधित व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि बिना लाइसेंस खाद्य व्यवसाय करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
जनजागरूकता और शिकायत व्यवस्था भी होगी सक्रिय
राज्य सरकार ने यात्रियों और दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा नियमों की जानकारी देने के लिए आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) माध्यमों जैसे बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का सहारा लिया है।
साथ ही, कोई भी व्यक्ति यदि किसी दुकान की खाद्य गुणवत्ता को लेकर शिकायत करना चाहता है, तो वह टोल फ्री नंबर 18001804246 पर संपर्क कर सकता है। शिकायत मिलने पर प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर जाकर जांच करेंगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

