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    Home»उत्तराखंड»राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की गिनाई उपलब्धि, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर, संचालित की गई योजनाएं
    उत्तराखंड

    राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की गिनाई उपलब्धि, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर, संचालित की गई योजनाएं

    Amit ThapliyalBy Amit ThapliyalFebruary 18, 2025No Comments13 Mins Read
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    कांग्रेस ने मुद्दों को लेकर सदन का किया वॉकआउट, वेल में आकर की नारेबाजी

    सदन में अंकिता भंडारी को न्याय देने का मसला गरमाया

    आर्थिक समृद्धि,सामाजिक न्याय व महिला कल्याण पर फोकस

    देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के हंगामेदार बहिष्कार के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की उपलब्धियां सदन के पटल पर रखीं। सत्र की अल्प अवधि व अंकिता भंडारी हत्याकांड की गूंज के बीच कांग्रेस विधायकों ने अभिभाषण का वाक आउट किया। सत्र की शुरुआत में विपक्षी विधायकों ने “राज्यपाल वापस जाओ, अंकिता को न्याय दो” आदि नारे भी लगाए। विपक्ष ने भारी शोरशराबे के बीच सदन से बहिर्गमन किया। बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे से हुई। कांग्रेस ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।

    मंगलवार की सुबह राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने अभिभाषण पढ़ना शुरु किया। कांग्रेस के सदस्यों ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सत्र को मात्र तीन दिन ही चलाना चाहती है जो विधायकों के साथ जनता के लिए भी अहितकर होगा। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण व सामान्य बजट पर सदन में चर्चा करना चाहता है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है।

    राज्यपाल के अभिभाषण के प्रमुख बिदु

    देवभूमि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में दिए जा रहे सहयोग के लिए मैं आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। इस रजत जयन्ती वर्ष में मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हम आगामी वर्ष में विकास की नई ऊँचाईयों को प्राप्त करेंगे तथा प्रत्येक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर सकेंगे। हमारा युवा प्रदेश में आप सभी के सहयोग से समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। इन उपलब्धियों के प्रतिफल स्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है, तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है।

    हमारी सरकार विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम काल रहा है। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई नये आयाम स्थापित किये गये। जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों एवं उपलब्धियों पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा।

    गृह विभाग द्वारा संविधान निर्माताओं के अनुरूप स्वतंत्रता के पश्चात उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले ‘समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। जिसमें प्रमुख रूप से मातृशक्ति के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है। समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।हमारी सरकार द्वारा तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 01 जुलाई 2024 से राज्य में लागू किया गया।

    उत्तराखण्ड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अधिनियम-2024 दिनांक 20 सितम्बर, 2024 को लागू किया गया। जिसमें व्यवस्था की गयी है कि राज्य में हड़ताल, बन्द, दंगा एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों से सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जायेगी तथा इनमें से किसी की मृत्यु होने पर कानूनी धारायें लगाये जाने के साथ ही आरोपितों को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। “ऑपरेशन स्माइल” अभियान के अन्तर्गत बच्चों / गुमशुदाओं को ट्रैस किया जा रहा है तथा “ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुक्त कराकर बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया जा रहा है।

    साइबर क्राइम से सम्बन्धित प्रकरणों में सहायता हेतु जनता के लिए साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 जारी किया गया है। जन जागरूकता हेतु विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, बैनर होल्डिंग, पम्पलेट्स आदि के माध्यम से साइबर सुरक्षा टिप्स आमजन को साझा किये जा रहे हैं। यातायात प्रबन्धन के क्षेत्र में यात्रियों की सुविधा हेतु Map My India एवं Google Map के साथ हुए समझौते के आधार पर राज्य की Real Time Traffic Advisory की सुविधा Mapple/Google Map के माध्यम से आमजन को प्रदान की जा रही है। कारागार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड बन्दी की मृत्यु पर विधिक उत्तराधिकारियों को प्रतिकर / मुआवजा राशि के भुगतान की नीति-2024 लागू की गयी है।

    भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा राष्ट्रीय खेलों के मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड सरकार को प्रदान किया गया। इस हेतु खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 तक विभिन्न स्थानों पर 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हमारी सरकार की खेल नीतियों का ही प्रभाव रहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के युवा खिलाड़ियों द्वारा अभूतपूर्व प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया गया। उत्तराखण्ड में हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखण्ड ने 100 से अधिक पदक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया। विगत राष्ट्रीय खेलोंराज्य में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खेल महाकुम्भ के आयोजन में प्रत्येक वर्ष लगभग दो लाख से अधिक खिलाड़ियों (बालक एवं बालिकाओं) द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में दिव्यांग खिलाड़ियों को भी खेल का अवसर प्रदान किया जाता है।

    मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना / प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह रू0 1500/- छात्रवृत्ति एवं 14 से 23 वर्ष के खिलाड़ियों को प्रतिमाह रू0 2000/- छात्रवृत्ति दिये जाने के साथ ही रू० 10000/- प्रति खिलाड़ी खेल उपकरण हेतु दिया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित / अराजपत्रित पदों पर आउट आफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

    नियोजन विभाग द्वारा राज्य में उपलब्ध संसाधनों के युक्ति संगतीकरण के लिये नीति नायोग, भारत सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड में State Institute for Empowering & ransforming Uttarakhand (सेतु) का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य ने सतत् विकास लक्ष्यों के अन्तर्गत संपूर्ण देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रभावी स्थानीयकरण तथा अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल संस्थाओं तथा चिन्हित व्यक्तियों को विगत दो वर्षों से “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया जा रहा है।

    CM Conclave के एजेण्डा बिन्दु हरियाणा परिवार पहचान पत्र की तर्ज पर उत्तराखण्ड राज्य में “परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड” योजना का निर्माण किया जा रहा है। योजना से राजकीय कार्यों में पारदर्शिता एवं वास्तविक लाभार्थियों तक योजनाओं की सीधी पहुँच हो सकेगी। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा वैश्विक निवेशक सम्मेलन में गत् वर्ष हुए निवेश स्ताव के आधार पर ऊर्जा, आवास, विनिर्माण, आधारभूत संरचना एवं पर्यटन आदि के नत्र में निवेश की ग्राउडिंग तेजी से हो रही है।

    राज्य की स्टार्टअप नीति के अंतर्गत 168 स्टार्टअप तथा 15 इन्क्यूबेटर को मान्यता प्रदान की गयी है। भारत सरकार द्वारा राज्य के 1196 स्टार्टअप को पंजीकृत किया गया है। वर्तमान में स्टार्ट बैंकिंग में बीसी में सानितस्टार्टअप को इन्क्यूबेशन सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘यू-हब’ नाम से आईटी पार्क देहरादून में इन्क्यूबेटर की स्थापना की जा रही है, जिससे राज्य में 73000 वर्ग फीट का इन्क्यूबेशन क्षेत्र उपलब्ध हो सकेगा। खुरपिया फार्म (किच्छा) में 1002 एकड़ भूमि पर भारत सरकार की अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) स्वीकृत किया गया है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से राज्य में विनिर्माण उद्यमों में पूंजी निवेश के प्रोत्साहन के साथ ही राज्य के युवाओं को स्थानीय स्तर पर और अधिक रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

    सूक्ष्म एवं लघु स्तर के उद्यमियों को Plug and Play Model पर उद्यम स्थापना हेतु स्थान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हरिद्वार में फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा “अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” तथा “प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” का आयोजन किया गया, जिसमें प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा प्रमुख रूप से पलायन के कारण खाली हुए गांवों को गोद लेकर विकसित करने का संकल्प लिया गया। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन में 26 देशों के लगभग 60 प्रवासियों द्वारा भागीदारी की गयी। जिनके द्वारा उत्तराखण्ड में विनिर्माण, ऊर्जा, उत्पादन एवं स्टार्ट-अप में निवेश में रूचि दिखाई गयी।

    विदेश मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सहभागिता से देहरादून में विदेश सम्पर्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 25 वीं वर्षगांठ को रजत जयंती के रूप में पूरे प्रदेश में वृहद पैमाने पर धूम-धाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एवं कई महानुभावों को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया। आयुष विभाग द्वारा माह दिसम्बर 2024 को देहरादून में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपो का आयोजन किया गया। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न कम्पनियों एवं विख्यात आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

    उत्तराखण्ड राज्य में नैफ्रो डायलिसिस यूनिट क्रमशः जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून एवं बेस चिकित्सालय, हल्द्वानी में लोक निजी सहभागिता के अन्तर्गत स्थापित की गयी है, जिसके अन्तर्गत बी०पी०एल० एवं एच०आई०वी० रोगियों को यह सुविधा निःशुल्क दी जाती है। पं० दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय, देहरादून में इनवेसिव कार्डियक केयर यूनिट स्थापित करने हेतु M/S Meditrina Hospital Pvt. Ltd, Kerala से अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया। अनुबन्ध के अन्तर्गत नवीन चयनित संस्था द्वारा राज्य के बी०पी०एल० नागरिकों को सी०जी०एच०एस० की दर पर 12 प्रतिशत की छूट प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा।

    कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा “उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण अधिनियम-2023′” पारित किया गया, जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य की राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिन्हित आन्दोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने का प्राविधान किया गया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों को विश्व दिव्यांग दिवस पर पुरस्कार के रूप में दी जानी वाली धनराशि को₹5000 (₹ पाँच हजार) से बढ़ाकर * 8000 (रू० आठ हजार) की गयी है एवं कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि को * 3500 (रू० तीन हजार पाँच सौ) से बढ़ाकर₹7000 (रू० सात हजार) किया गया है।

    जनजातीय शोध संस्थान एवं संग्रहालय, उत्तराखण्ड द्वारा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों, छात्रावासों, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों में खेल के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय जनजाति युवा खेल महोत्सव का आयोजन किया गया। जनपद के दूरस्थ स्थानों में निवासरत अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को शहरी क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने हेतु समाज कल्याण विभाग द्वाराआवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। पर्यटन विभाग द्वारा राज्य में पहली बार टिहरी एक्रो फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें 26 देशों के 54 विदेशी तथा 120 देशी पैराग्लाईडिंग पायलटों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

    पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनपद उत्तरकाशी के जखोल को Best Tourism Village का पुरस्कार, जनपद बागेश्वर के सूपी को Best Adventure Village पुरस्कार, जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम गुंजी एवं जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल को Best Vibrant Village पुरस्कार प्रदान किया गया। बाईब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत उत्तरकाशी के जांदुग गांव जो कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय खाली करवाया गया था, गांव में जीर्ण-क्षीर्ण भवनों को पुनर्निर्मित करते हुए होम स्टे के रूप में विकसित करने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में 01 से 05 करोड़ तक का निवेश करने वाले प्रदेश के स्थायी निवासियों / उद्यमियों को प्रोत्साहित एवं आर्थिक रूप से सबल बनाये जाने हेतु उत्तराखण्ड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024 प्रारम्भ की गयी है।

    पूरे वर्ष चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों सहित पूरे प्रदेश में पर्यटन को नया आयाम देने के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू की गई है। कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा सहसपुर, देहरादून स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को स्किल हब के रूप में विकसित करते हुए विदेश रोजगार प्रकोष्ठ के साथ-साथ मॉडल कैरियर सेंटर की स्थापना की गई है। राज्य के युवाओं को आधुनिक उद्योग की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित किये जाने हेतु राज्य के 13 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को टाटा टैक्नोलॉजी प्रा०लि० के माध्यम से उन्नयन (Upgradation) किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

    सेवायोजन कार्यालयों के अन्तर्गत संचालित कुल 16 शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्रों के माध्यम से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग एवंपरिवहन विभाग द्वारा वाहनों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हेतु वाहनों में वी.एल.टी. (Vehicle Location Tracking) डिवाइस संस्थापित की जा रही है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसके द्वारा एन.आई.सी के सहयोग से भारत सरकार के मानकों के अनुरूप बैकएण्ड साफ्टवेयर बनाया गया है। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत स्पीड रडार गन युक्त ए.एन.पी.आर. (Automated number plate recognition) कैमरों की स्थापना की जा रही है। ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने हेतु व्यावसायिक वाहनों में Speed Limiting Device की अनिवार्यता के फलस्वरूप वाहनों में गति नियन्त्रक उपकरण संयोजित किये जा रहे हैं।

    सार्वजनिक सेवायानों से होने वाली दुर्घटनाओं में यात्री या अन्य व्यक्ति की मृत्यु होने पर या दो अंगो की पूर्ण हानि होने पर या दोनों नेत्रों की दृष्टि की पूर्ण हानि होने पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता को दोगुना करते हुए मृतक आश्रितों को दो लाख की राहत राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

    सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नियमावली प्रख्यापित की गई है।

    नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा क्षेत्रीय सम्पर्क योजना (RCS) के अंतर्गत 13 स्थानों पर हैलीपोर्ट विकसित किये जा रहे हैं जिनमें चिन्यालीसौड़, गौचर, कोटी कॉलोनी, श्रीनगर, फलसीमा टाट्रिक, हल्द्वानी, सहस्त्रधारा, मुनस्यारी का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवम्बर, 2024 तक 116 कि०मी० मार्गों का निर्माण, 579 कि०मी० का पुनःनिर्माण तथा 11 सेतुओं का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त 18 ग्रामों को सड़क यातायात से जोड़ा गया तथा पूर्व निर्मित पक्के मोटर मार्गों में कुल 1129 कि०मी० मार्गों का नवीनीकरण कार्य किया गया। जनपद टिहरी गढ़वाल के विधान सभा क्षेत्र नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत वर्ष 1929 में निर्मित लक्ष्मणझूला सेतु के समीप 132 मी० स्पान के वैकल्पिक सेतु का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसका लगभग 60% कार्य पूर्ण हो चुका है।

    वर्तमान में प्रदेश में डक्ट पॉलिसी तैयार करने हेतु अनुबन्ध गठित किया गया है। डक्ट पॉलिसी तैयार होने के उपरान्त उसे प्रथमतः प्रमुख शहरों एवं सभी फोर लेन/ टू लेन मार्गों में लागू किया जाना लक्षित है।14) आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत IIT रुड़की के माध्यम से भूकम्प चेतावनी तंत्र विकसित किया गया है, जिसके अन्तर्गत राज्य में कुल 177 सेंसर तथा कुल 112 साइरन स्थापित किये गये हैं। राज्य में मौसम पूर्वानुमान की सटीक जानकारी प्राप्त किये जाने हेतु 03 स्थानों पर यथा, मुक्तेश्वर-नैनीताल, सुरकन्डा-टिहरी तथा लैंसडॉउन-पौड़ी में डॉप्लर रडार स्थापित हैं, जिनसे उत्तराखण्ड राज्य में मौसम के पूर्वानुमान की और अधिक सटीक जानकारी प्राप्त हो रही हैं। वित्त विभाग द्वारा जी०एस०टी० के अन्तर्गत व्यापारियों के नये पंजीयन के संबंध में उत्तराखण्ड राज्य में बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू की गयी है।

    भारत सरकार द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के स्तर पर धन की उपलब्धता व कुशल नगदी प्रबंधन के उद्देश्य से राज्य आई०एफ०एम०एस०, पी०एफ०एम०एस० तथा भारतीय रिजर्व बैंक के अन्तर्गत एक वैकल्पिक निधि प्रवाह तंत्र Just in Time-SNA Sparsh को चरणबद्ध रूप से प्रारम्भ किया गया है। लेखा परीक्षा कार्यों के सम्पादन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं प्रमाणिकता सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा इन्टरनल ऑडिट मैनुअल, रेवेन्यू ऑडिट मैनुअल आदि नियम संग्रह प्रख्यापित किये गये हैं।

     

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