उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की घड़ी करीब आ गई है। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) में सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई। अब अदालत 30 मई को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले को लेकर पूरे देश की नजरें कोर्ट के निर्णय पर टिकी हैं।
अभियोजन ने ठोंके तगड़े तर्क
सोमवार की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपने साक्ष्यों और गवाहों के ज़रिए तीनों आरोपियों के अपराध को पूरी तरह साबित कर दिया है। उन्होंने कोर्ट से तीनों को कठोरतम सजा देने की अपील की।
ट्रायल में पेश हुए 47 गवाह
करीब दो साल चले इस ट्रायल में अभियोजन पक्ष ने कुल 97 गवाह बनाए, जिनमें से 47 को कोर्ट में पेश कर परीक्षित किया गया। इनमें जांच अधिकारी से लेकर प्रत्यक्षदर्शी शामिल थे।
जेल से लाए गए आरोपी
तीनों आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को संबंधित जेलों से कोर्ट में पेश किया गया। मुख्य आरोपी पुलकित पर हत्या, साक्ष्य मिटाने, छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं। बाकी दोनों आरोपियों पर हत्या और साक्ष्य छुपाने जैसे गंभीर आरोप हैं।
क्या हुआ था 2022 में?
18 सितंबर 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। एक सप्ताह बाद उसका शव बरामद हुआ। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित हुई और करीब 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई।
अब सबकी नजर 30 मई पर टिकी है, जब अदालत तय करेगी कि दोषियों को क्या सज़ा मिलेगी।