उत्तराखंड पुलिस ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को देखते हुए देशभर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। इस विशेष अभियान को ‘ऑपरेशन प्रहार’ नाम दिया गया है, जिसके तहत पुलिस की 23 स्पेशल टीमों ने 17 राज्यों में एक साथ छापेमारी की है।

इस मिशन में 50 से अधिक साइबर ठगों पर कार्रवाई की गई, जबकि 30 से ज्यादा फरार आरोपियों के घरों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। अभियान का उद्देश्य न केवल अपराधियों को पकड़ना है, बल्कि यह संदेश देना भी है कि साइबर अपराध अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

साइबर ठगी से भारी नुकसान

राज्य में साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

2023 में उत्तराखंड के लोगों को 69 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 170 करोड़ रुपये तक पहुंच गया — यानी 146% की बढ़ोतरी।

हर दिन औसतन 46.57 लाख रुपये की साइबर ठगी की जा रही है।

अभियान की रणनीति और कार्रवाई

इस अभियान को सफल बनाने के लिए देहरादून और रुद्रपुर की साइबर क्राइम यूनिट ने स्थानीय पुलिस, अन्य राज्यों की साइबर टीमें और तकनीकी एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया।

टीमों ने आरोपियों के:

पते

बैंक खातों

मोबाइल नंबर

सोशल मीडिया प्रोफाइल

अन्य डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा किए।

अब तक 52 फरार साइबर अपराधियों की पहचान हो चुकी है। इनमें से 7 पहले ही दूसरे राज्यों की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनसे पूछताछ के लिए बी-वारंट जारी किए गए हैं, और 6 आरोपियों के जमानती वारंट भी तामील किए जा चुके हैं।

फर्जी दस्तावेजों से ठगी

जांच में पता चला है कि 225 अपराधियों ने फर्जी नाम, पते और दस्तावेजों से बैंक खाते और मोबाइल सिम लिए। यह जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस को भेजी जा रही है ताकि वहां भी कार्रवाई की जा सके।

अभियान के दो चरण

पहले चरण में 272 साइबर ठगों को निशाना बनाया जा रहा है।

दूसरे चरण में 65 और अपराधियों पर कार्रवाई की जाएगी।

देशभर में कार्रवाई

इस ऑपरेशन के तहत दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, नागालैंड समेत 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में टीमें भेजी गईं।

 

सख्त संदेश

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने कहा कि “उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने साइबर अपराध के खिलाफ इतनी व्यापक और सुनियोजित कार्रवाई की है।” इस पहल से न केवल अपराधियों की धरपकड़ हो रही है, बल्कि राज्यों के बीच आपसी समन्वय भी मजबूत हो रहा है।

जागरूकता पर भी जोर

पुलिस सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है। आम जनता को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोग डिजिटल फ्रॉड से खुद को बचा सकें।

Share.

Leave A Reply

Exit mobile version