सोमवार को देहरादून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में देश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर के आइस स्केटिंग रिंक का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्य ने किया। लगभग एक दशक से बंद पड़े इस रिंक को करीब छह करोड़ रुपये की लागत से दोबारा विकसित किया गया है। इसी अवसर पर 599 लाख रुपये की लागत से बने घुड़सवारी मैदान (इक्वेस्ट्रियन ग्राउंड) का भी लोकार्पण किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने इसे राज्य और देश दोनों के लिए गौरव की बात बताया। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2011 में बने इस रिंक में साउथ-ईस्टर्न एशियन विंटर गेम्स का सफल आयोजन हो चुका है। लेकिन समय के साथ रखरखाव की कमी के कारण यह बंद हो गया था। अब सरकार ने उत्तराखंड को ‘खेल भूमि’ के रूप में विकसित करने के संकल्प के तहत इस रिंक को पुनर्जीवित किया है।
इस परियोजना में विदेशी इंजीनियरों की मदद ली गई और रिंक को संचालित करने के लिए एक मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया गया है, जिससे इसे ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर संचालित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने इसे न केवल भारत का, बल्कि दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा आइस स्केटिंग रिंक बताया।
खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि हाल ही में राज्य में कई खेल सुविधाएं विकसित की गई हैं और अब इस रिंक व घुड़सवारी मैदान के शुरू होने से राज्य की खेल विरासत और मजबूत होगी। आइस स्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने यहां खेल आयोजन के लिए प्रस्ताव भी भेजा है, जिससे भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकेंगी। इस मौके पर एक प्रदर्शनी आइस हॉकी मैच भी आयोजित किया गया, जिसमें कई गणमान्य अतिथि और पूर्व खिलाड़ी मौजूद रहे।