उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 1324 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं तो उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति है।

पहले ही दिन चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से 19 हजार से ज्यादा ई-पास जारी किए गए। चारधाम के कपाट खुलने के लगभग चार महीने बाद यात्रा को संचालित किया गया। हाईकोर्ट की ओर से चारधाम यात्रा पर रोक हटाने के बाद सरकार ने शनिवार से कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन कर यात्रा को शुरू किया है। चारधाम के दर्शन करने के लिए तीर्थ यात्रियों में खासा उत्साह है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले दिन देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से अलग-अलग तारीख के 19491 ई-पास जारी किए गए। नवरात्रों में यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना है। लेकिन देवस्थानम बोर्ड की ओर से चारधामों में प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित संख्या के आधार पर ई-पास जारी किए जाएंगे।

1324 श्रद्धालुओं ने कोविड गाइडलाइन के अनुसार चारों धाम में दर्शन किए। इनमें 836 श्रद्धालु उत्तराखंड व 488 अन्य राज्यों से हैं। सर्वाधिक 498 श्रद्धालु केदारनाथ, 400 बदरीनाथ, 176 गंगोत्री व 250 यमुनोत्री धाम पहुंचे। फिलहाल यात्रियों की संख्या सीमित होने के कारण चारों धाम में उनके रहने की पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि चारधाम यात्रा के पहले दिन 19 हजार से अधिक ई-पास जारी किए गए हैं। कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए चारधामों में सभी व्यवस्थाएं पूरी की गई है। यात्रा के लिए अभी 15 अक्तूबर तक पंजीकरण को खोला गया है।

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