उत्तराखंड में शिक्षक बनने की तैयारी में लगे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तरखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक हटा ली है। हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार को निर्देश दिए। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि इन की नियुक्ति 2012 की नियमावली और शिक्षा अधिकार अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत की जाए। उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में 2648 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

उत्तराखंड सरकार ने तय कर लिया है कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से दूरस्थ शिक्षा मोड में डीएलएड प्रशिक्षण ले चुके अभ्यर्थियों का झटका लगा है। उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा। वहीं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से डीएलएड प्रशिक्षितों की मुराद पूरी हो गई है। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर बीते वर्ष प्रारंभ हुई भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट ने रोक दी थी। बीती एक सितंबर को हाईकोर्ट रोक हटा चुका है, लेकिन एनआइओएस से डीएलएड प्रशिक्षितों को लेकर सरकार असमंजस में थी। इस मामले में न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया था, लेकिन इसमें स्पष्ट मार्गदर्शन सरकार को नहीं मिला।

इसके बाद महाधिवक्ता से राय मांगी गई थी। महाधिवक्ता से स्थिति स्पष्ट होने के बाद शिक्षा सचिव राधिका झा ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिए। सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को जिलेवार भर्ती प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से तत्काल शुरू करने को कहा है। इस आदेश से डायट से डीएलएड प्रशिक्षितों ने राहत की सांस ली है। ये अभ्यर्थी एनआइओएस से प्रशिक्षितों को मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का विरोध कर रहे थे। शासन ने नियुक्ति प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करने की उनकी मांग को भी पूरा कर दिया।

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