उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के चार दिनों से चल रहे आंदोलन के बाद उनकी ‘एक दिन, एक शिफ्ट’ में परीक्षा आयोजित करने की मांग को स्वीकार कर लिया है। गुरुवार को आंदोलन के तेज होने पर आयोग को यह निर्णय लेना पड़ा।

क्या लिया गया फैसला?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर UPPSC ने घोषणा की है कि अब यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन, यानी 7 दिसंबर को, दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। इससे पहले यह परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को चार शिफ्टों में आयोजित होनी थी।

साथ ही, आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग ने एक समिति का गठन किया है, जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

छात्रों का विरोध और नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा
छात्रों ने लंबे समय से परीक्षा के नए पैटर्न का विरोध किया था, उनका कहना था कि अलग-अलग शिफ्टों में होने वाली परीक्षा में असमानता हो सकती है। किसी शिफ्ट में कठिन पेपर होने पर छात्रों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा, छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन पद्धति का भी विरोध किया, जिसमें अधिक उम्मीदवारों वाली शिफ्ट में अंक ज्यादा मिलने का खतरा था, जिससे परिणाम असमान हो सकते थे।

छात्रों का यह भी कहना था कि UPPCS और RO/ARO परीक्षा के विज्ञापन में एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने का उल्लेख था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार खेल के बीच में नियम नहीं बदले जा सकते, तो परीक्षा के नियमों में बदलाव क्यों किए जा रहे हैं?

अब आयोग ने छात्रों की मांग को मानते हुए परीक्षा एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला लिया है, जिससे छात्रों को बड़ी राहत मिली है।

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